राष्ट्रीय किसान महापंचायत ने राजस्थान सरकार पर बारदाने की कमी बताकर किसानों से उपज नहीं खरीदने का आरोप लगाया है. इस संबंध में किसान महापंचायत के अध्यक्ष रामपाल जाट ने केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा है. इस पत्र में जाट ने बारदाना खरीद में धांधली का आरोप भी नेफेड पर लगाया है. रामपाल जाट ने किसान तक को बताया कि नेफेड बाजार से अधिक रेट पर बारदाना खरीद रहा है. जबकि राजस्थान में किसानों से बारदाने की कमी होने की बात कहकर उपज खरीद नहीं की जा रही है.
रामपाल जाट पत्र में लिखते हैं, “नैफेड 103 रुपये प्रति बैग के हिसाब से सरसों का बारदाना खरीदती है. जबकि यही बैग बाजार में 80 रूपये से कम कीमत पर मिल रहा है. वहीं, एक बार काम लिया हुआ बारदाना 40 रूपये से कम कीमत पर बाजार में मिल रहा है. एक बैग पर 23 रूपये से लेकर 63 रूपये तक का अंतर है. इसी प्रकार नेफेड की ओर से चने का बारदाना 66 रूपये प्रति बैग के अनुसार खरीदा जाता है. यही बारदाना बाजार में 36 रूपये से कम रेट पर मिल रहा है. इस तरह एक ही बैग पर 30 रूपये का अंतर है.”
रामपाल जाट की मांग है कि नेफेड को स्थानीय एजेंसियों और किसानों को उसी क्वालिटी का बारदाना खरीदने की अनुमति मिलनी चाहिए. अभी नेफेड किनफेड के माध्यम से बारदाना खरीदता है. उसी क्वालिटी का बारदाना खरीदने की छूट खरीद एजेंसियों को नहीं है.”
जाट आरोप लगाते हैं कि यदि कोई किसान उसी किनफेड वाली क्वालिटी का बारदाना लेकर खरीद केन्द्र पहुंचता है तो उसकी उपज नहीं खरीदी जाती. इससे घर से कई किलोमीटर किसान का आना बेकार जाता है और उसका खर्चा होता है. इसीलिए हमने इस पत्र के माध्यम से केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह से मांग की है कि किसानों और राज्यों की एजेंसियों को बारदाना खरीद की छूट मिलनी चाहिए.”
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कुछ दिन पहले अजमेर जिले के केकड़ी खरीद केंद्र पर 65 दिन में से 10 दिन ही खरीद हो पाई है. इसमें से 20 से अधिक दिन तो बारदाने के अभाव के कारण भी खरीद बंद रहा. राजस्थान में ऐसा कई खरीद केन्द्रों पर हो रहा है. जबकि फसल मंडी में आने से दो महीने पहले ही खरीद की तैयारी शुरू हो जाता है. जिसमें खरीद लक्ष्य के अनुसार बारदाना खरीद का आकलन किया जाता है. इसके बावजूद किसान बारदाने की कमी के कारण अपनी उपज बेचने से वंचित रह जाता है.
रामपाल जाट किसान तक को बताते हैं, “राजस्थान में सरसों के लिए 20 लाख बैग का बारदाना राजफेड के पास उपलब्ध है. यह बारदाना पिछले साल के स्टॉक का है. इसीलिए नेफेड इसे अपने लिए खरीद की अनुमति नहीं देती. जबकि पिछले साल यह बारदाना नेफेड ने ही खरीदा था. इस तरह राजफेड के पास 20 लाख बैग बारदाने का स्टॉक है. वहीं, दूसरी ओर खरीद केन्द्रों पर बारदाना नहीं होने की बात कह कर किसानों से उपज नहीं खरीदी जा रही.”
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जाट अपनी मांग दोहराते हुए कहते हैं, “बारदाने की कमी को दूर करने के लिए स्थानीय राज्य इकाइयों को बाजार से बारदाना खरीद करने एवं किसानों को भी बाजार से बारदाना लाने पर उसकी राशि का समायोजन करते हुए उनकी उपज को तत्काल खरीदने के लिए आदेश दिए जाएं.
जिससे खरीद में किसी भी प्रकार की देरी ना हो. साथ ही बारदाने के अभाव में खरीद रोकने की संभावना खत्म हो जाएगी. इसके साथ ही नेफेड द्वारा अपने स्तर पर बारदाना की खरीद एवं व्यवस्था करने में हो रही धांधली की निष्पक्ष उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए.
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