राजस्थान में आखिरकार खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. 27 अक्टूबर से सहकारिता विभाग ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिए हैं. वहीं, एक नवंबर से मूंग, उड़द और सोयाबीन की खरीद शुरू की जाएगी. इसके अलावा 18 नवंबर से मूंगफली की खरीद सहकारिता विभाग करेगा. उपज खरीदने के लिए सहकारिता विभाग ने केवीएसस और जीएसएस पर 873 खरीद केन्द्र बनाए हैं. बता दें कि राजस्थान के किसान बीते कई दिनों से सरकारी खरीद शुरू करने की मांग कर रहे थे. हालांकि विभाग ने खरीद प्रक्रिया काफी देरी से शुरू की है.
अब तक रबी सीजन की बुवाई के लिए अधिकतर किसान खरीफ की फसलें बाजार भाव पर बेच चुके हैं. जो कि एमएसपी से कम पर बिकी हैं.
सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा ने जानकारी दी कि प्रदेश में राजफैड की ओर से समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली की खरीद के लिये ऑनलाइन पंजीकरण 27 अक्टूबर से शुरू कर दिए गए हैं. 873 खरीद केन्द्रों पर मूंग, उड़द एवं सोयाबीन की एक नवम्बर से तथा 18 नवम्बर से मूंगफली खरीद की जाएगी.
इस साल भारत सरकार ने राज्य में समर्थन मूल्य पर मूंग का खरीद का लक्ष्य 2 लाख 93 हजार 865 मीट्रिक टन, उड़द का 1 लाख 35 हजार 200 मीट्रिक टन रखा है. वहीं, मूंगफली का 4 लाख 80 हजार 803 मीट्रिक टन तथा सोयाबीन का 3 लाख 01 हजार 650 मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य दिया गया है. मूंग का समर्थन मूल्य 8558 रूपये, उड़द का 6950, मूंगफली का 6377 एवं सोयाबीन का 4600 रूपये प्रति क्विंटल एफ.ए.क्यू श्रेणी का घोषित किया गया है.
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किसानों को उपज एमएसपी पर खरीदने के लिए जनआधार कार्ड नम्बर, खसरा गिरदावरी की प्रति एवं बैंक पासबुक की प्रति पंजीयन फार्म के साथ अपलोड़ करनी होगी. जिस किसान द्वारा बिना गिरदावरी के अपना पंजीयन करवाया जाएगा, उसका पंजीयन समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए मान्य नहीं होगा.
विभाग ने निर्देश दिए हैं कि ई-मित्र केन्द्र भी समर्थन मूल्य योजना में किसानों का पंजीयन पूर्ण सावधानी से करें. गुहा ने बताया कि किसान एक जनआधार कार्ड में अंकित नाम में से जिसके नाम गिरदावरी होगी उसके नाम से एक पंजीयन करवा सकेगा. किसान इस बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस तहसील में कृषि भूमि में उसी तहसील के कार्यक्षेत्र वाले खरीद केन्द्र पर उपज बेचान के लिए पंजीकरण कराएं. दूसरी तहसील में पंजीकरण मान्य नहीं होगा.
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सहकारिता विभाग की ओर से बताया गया है कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो इसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण की व्यवस्था ई-मित्र एवं खरीद केन्द्रों पर सुबह नौ बजे से शाम सात बजे तक की गई है. किसान अपना बैंक खाता संख्या सही दे ताकि ऑनलाइन भुगतान के समय किसी प्रकार की परेशानी किसानों को नहीं हो. किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए 27 अक्टूबर से हेल्प लाइन नम्बर 1800-180-6001 भी शुरू की गई है.
राजफैड के प्रबंध निदेशक संदेश नायक ने बताया कि किसान मूंग, उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली बेचने के लिए सरकार की ओर तय मानदंडों को अपनाएं. किसान तुलाई के समय अपनी फसल को साफ-सुथरा, छानकर क्रय केन्द्रों पर लायें.
भारत सरकार सरकार की ओर से निर्धारित गुणवत्ता मापदण्डों के अनुसार मूंग, उड़द एवं सोयाबीन में नमी की अधिकतम मात्रा 12 प्रतिशत और मूंगफली में नमी की अधिकतम मात्रा 8 प्रतिशत निर्धारित की है. जिन्स विक्रय के समय किसान किसी भी प्रकार की परेशानी से बचने के लिए यह सुनिश्चित कर लेंवे कि उनकी जिन्स गुणवत्ता मापदण्डों के अनुकूल हो.
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