scorecardresearch
बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल, एक लाख हेक्टेयर में लगी जीरे की फसल पर संकट

बारिश ने बढ़ाई किसानों की मुश्किल, एक लाख हेक्टेयर में लगी जीरे की फसल पर संकट

राजस्थान में जीरे की खेती करने वाले क‍ि‍सान भाव ना म‍िलने की वजह से मायूस हैं. वजह है बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि. असल में खराब मौसम के कारण किसानों को काफी बड़ी मात्रा में जीरे की फसल खराब हुई है.

advertisement
बाड़मेर के तारातरा गांव में जीरा कटाई करती महिला किसान. फोटो- माधव शर्मा बाड़मेर के तारातरा गांव में जीरा कटाई करती महिला किसान. फोटो- माधव शर्मा

राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्रों में बड़ी मात्रा में जीरे की खेती होती है. प्रदेश के जैसलमेर, बाड़मेर, नागौर, जालोर और बीकानेर के कुछ हिस्सों में जीरा पैदा होता है, लेकिन इस बार भाव अच्छा होने के बाद भी जीरा किसान मायूस हैं. वजह है बेमौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि. खराब मौसम के कारण किसानों को काफी बड़ी मात्रा में जीरे की फसल खराब हुई है. हालांकि इस बार जीरे का भाव काफी अच्छा है. मांग ज्यादा होने और उत्पादन कम होने के कारण भावों में और ज्यादा तेजी आने की संभावना जताई जा रही है. बाजार में नया जीरा आने लगा है. इस बार भाव करीब 350 रुपये प्रति किलो तक हैं. 

एक लाख हेक्टेयर में खराब हुई जीरे की खेती

मार्च महीने में लगभग तीन हफ्तों तक मौसम खराब रहा है. जैसलमेर, बाड़मेर, जालोर, नागौर जिलों में बीते 15 दिन में कई बार ओलावृष्टि हुई है. कृषि विभाग के प्रारंभिक नुकसान की रिपोर्ट में 10 से 60 प्रतिशत तक फसल खराब की संभावना जताई गई है. बता दें कि इस रबी सीजन में राजस्थान में 5.79 लाख हेक्टेयर में जीरा बोया गया है. बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण इसमें से एक लाख दो हजार हेक्टेयर खेती में नुकसान हुआ है. हालांकि यह प्रारंभिक रिपोर्ट है. नुकसान का दायरा इससे भी ज्यादा हो सकता है. 

जीरे का नहीं एमएसपी घोषि‍त, राज्य सरकार के भरोसे किसान

जीरा काफी महंगी फसल है. देश के हर घर में सब्जी बनाने के लिए जीरे का इस्तेमाल खूब होता है, लेकिन केन्द्र सरकार ने जीरे पर एमएसपी नहीं दी हुई है. हालांकि जीरे की कीमत खुले बाजार में फिलहाल 300 रुपये प्रति किलो से 350 रुपये प्रति किलो तक चल रही है. चूंकि इस बार ओलावृष्टि और बारिश से फसल खराब भी हुई है. इसीलिए उत्पादन प्रभावित होगा.

ये भी पढ़ें- बारिश और ओलाें से खराब हो गई 60 फीसदी तक फसलें, अब सरकार से क‍िसानों को मदद की उम्मीद

बाड़मेर में जीरा किसान विक्रम सिंह कहते हैं कि किसानों का नुकसान तो काफी हुआ है. इस पर न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नहीं है. इसीलिए खराब हुई फसल के मुआवजे के लिए किसान पीएम फसल बीमा योजना या राज्य सरकार की घोषणाओं के भरोसे हैं. हालांकि किसानों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में जीरा और महंगा होगा.

मंडी और किसानों के साथ काम करने वाले संगठनों का कहना है कि जीरे का भाव अभी और भी ज्यादा होगा. पिछले साल जीरे का भाव 38 हजार रुपये प्रति क्विंटल तक था. चूंकि जीरे की फसल काटी जा चुकी है. इसीलिए अब बाजार में आने लगी है. बता दें कि देश में जीरे की सबसे बड़ी मंडी गुजरात के ऊंझा में है. पश्चिमी राजस्थान के अधिकतर किसान भी फसल बेचने ऊंझा मंडी तक जाते हैं. 

384 हजार मीट्रिक टन उत्पादन की उम्मीद

फेडरेशन ऑफ इंडियन स्पाइस स्टेकहोल्डर्स (FISS) के अनुमान के मुताबिक इस साल जीरे के उत्पादन में 32 प्रतिशत ज्यादा उपज होने की उम्मीद है. फेडरेशन के अनुसार जहां पिछले साल राजस्थान में 184.8 हजार मीट्रिक टन फसल हुई थी. इस साल यानी 2023 में 243.13 हजार मीट्रिक टन जीरा उत्पादित होने की बात कही है.

वहीं, राजस्थान कृषि विभाग के अनुसार प्रदेश में इस साल 5.79 लाख मीट्रिक टन जीरा बोया गया है. इसमें से 1.02 लाख मीट्रिक टन फसल में 60 फीसदी तक खराब हो गई है. इससे लगता है कि जीरा तीन-साढ़े तीन लाख हेक्टेयर में फसल पैदा हुई है. 

ये भी पढ़ें- राजस्थानः बारिश और ओलावृष्टि से कहां कितना हुआ नुकसान, जानें जिलेवार खराब हुई फसलों का डेटा

दो अप्रैल तक पश्चिमी विक्षोभ का असर

राजस्थान में मार्च के महीने में पश्चिमी विक्षोभ का असर काफी रहा. 29 मार्च से छठे विक्षोभ का असर शुरू हुआ है. मौसम विभाग ने 30 और 31 मार्च को आंधी और ओलों का अलर्ट जारी किया है. इसका असर बुधवार शाम से ही देखने को मिलने लगा. बुधवार देर रात बीकानेर क्षेत्र में तेज आंधी चलीं और बारिश हुई. इससे भी फसलों को नुकसान हुआ है. 

जयपुर मौसम केंद्र के डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा ने कहा है कि दक्षिण-पश्चिम राजस्थान में एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बना हुआ है. पश्विमी राजस्थान के ऊपर गुरुवार को एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने की संभावना है. इसके कारण प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में तेज हवा के साथ बारिश होने की प्रबल संभावना है.

मौसम केन्द्र के पूर्वानुमान के अनुसार राजस्थान में बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, जोधपुर, पाली, अजमेर, गंगानगर, नागौर, हनुमानगढ़ और सीकर जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसका असर शुक्रवार को भी रहेगा. दो अप्रैल के बाद मौसम साफ होने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ें- पहले बारिश और अब आग... बिजली की चपेट में आने से गेहूं की फसल हुई बर्बाद

ये भी पढ़ें- अब आम पर बारिश और ओलावृष्टि की मार.... इस बार उत्पादन घटने के आसार