कहीं बारिश तो कहीं आगलगी. आजकल किसानों को एक साथ कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है. हाल की बारिश ने गेहूं की फसल को चौपट कर दिया, तो कहीं-कहीं बिजली ने पूरी फसल को जलाकर रख दिया है. ताजा मामला मध्य प्रदेश के गुना का है. यहां कड़ी मेहनत से तैयार की गई गेहूं की फसल अब बिजली लाइन की चपेट में आकर बर्बाद होने लगी है. गुना के इमझरा गांव में गेहूं की फसल में आग लगने से फसल जलकर खाक हो गई. मध्य प्रदेश के ही कई इलाके ऐसे हैं जहां बारिश और ओलावृष्टि ने गेहूं को तबाह किया है. अब मामला आगलगी का सामने आया है.
गेहूं के खेत में आग लगने से किसान को भारी क्षति हुई है. अपने जले हुए खेत में खड़े किसान शिवराज रघुवंशी ने प्रशासन से मुआवजे की गुहार लगाते हुए बड़ी चेतावनी दी है. रघुवंशी कहते हैं, यदि फसल का मुआवजा नहीं दिलाया गया तो दो दिन के अंदर वे आत्महत्या कर लेंगे. ऐसी ही स्थिति कई किसानों की है जो कुछ दिनों बाद गेहूं काटकर उपज घर ले आने वाले थे. पैदावार घर आती उससे पहले ही बिजली ने सबकुछ जलाकर राख कर दिया.
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शिवराज रघुवंशी जैसे किसान की चेतावनी के पीछे की वजह सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. पीड़ित किसान ने बताया कि उसने अपनी गेहूं की फसल कटवाने के लिए हार्वेस्टर किराये पर लिया था. चूंकि बिजली की लाइन खेत के ऊपर से गुजर रही थी और काफी नीचे थी, इसलिए फसलों पर पहले से ही खतरा मंडरा रहा था. बिजली लाइन बहुत नीचे होने के चलते खेत तक हार्वेस्टर पहुंचने में दिक्कत आ रही थी. इससे बचने के लिए बिजली विभाग को लाइन बंद करने की सूचना दी गई. लेकिन जब हार्वेस्टर खेत में घुसा तभी लाइन से हार्वेस्टर के टकराने से स्पार्किंग हुई और फसल में आग लग गई.
किसान रघुवंशी का आरोप है कि बिजली की लाइन को बंद नहीं किया गया था जिसके चलते स्पार्किंग से खेत में आग लगी. देखते ही देखते 10 बीघा की फसल खाक हो गई. लगभग 100 क्विंटल से ज्यादा गेहूं जलकर खाक हो गया. इस घटना से आक्रोशित किसान शिवराज रघुवंशी ने आत्महत्या की चेतावनी दे डाली. वहीं, बिजली विभाग के खिलाफ ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. ग्रामीणों ने काफी हंगामा किया. किसानों का आरोप है कि बिजली विभाग के जूनियर इंजीनियर पीसी जैन की मनमानी के कारण ये हादसा हुआ.
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बिजली की लाइन के कारण हर साल हादसे में हजारों क्विंटल फसल स्वाहा हो जाती है. इसका कोई भी स्थायी समाधान नहीं है. वहीं इस मामले में बिजली विभाग के अधिकारियों ने जांच की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया है. प्रभारी कलेक्टर आदित्य सिंह के निर्देशन के बाद प्रशासनिक अमला किसान के खेत पर पहुंचा और नुकसान का आकलन किया. जल्द ही फसल नुकसान का मुआवज़ा किसान को दिया जाएगा.
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