महाराष्ट्र में अब तक शुरू नहीं हुए चना खरीदी केंद्र, किसानों ने नेफेड से लगाई गुहार

महाराष्ट्र में अब तक शुरू नहीं हुए चना खरीदी केंद्र, किसानों ने नेफेड से लगाई गुहार

वसई गांव के किसान सतीश कदम कहते हैं कि पिछले साल मैंने नेफेड में चना बेचा था. मगर इस साल अब तक नेफ़ेड का खरीद केंद्र शुरू नहीं हुआ है. इसके कारण किसानों को कम दाम में फसल बेचनी पड़ रही है. किसानों की मांग है कि सरकार पंजीकरण शुरू करे.

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महाराष्ट्र में अब तक शुरू नहीं हुए चना खरीदी केंद्र, किसानों ने नेफेड से लगाई गुहारमहाराष्ट्र में चना खरीद केंद्र शुरू नहीं होने से किसान परेशान हैं

महाराष्ट्र में चना प्रमुख दलहन फसल के तौर पर देखा जाता है. इससे किसान अच्छी कमाई करते हैं. यही वजह है महाराष्ट्र में हर साल चने की खेती बड़े पैमाने पर होती है. इसके बाद किसान अनपी उपज को बेचते हैं. हर साल जनवरी के अंत में नेफ़ेड केंद्र पर किसानों की फसल का पंजीकरण किया जाता है. मगर महाराष्ट्र में इस साल चना खरीदी केंद्र समय पर न खुलने पर किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. ऐसे में किसान कम दाम में अपनी चने की फसल बेचने को हैं. किसानों ने नेफेड से गुहार लगाई है कि खरीदी केंद्र खोले जाएं ताकि वे सरकारी रेट पर उपज को बेच सकें.

महाराष्ट्र में इस साल सरकार की ओर सें चना खरीदी केंद्र पर चने का मूल्य बेहतर निर्धारित किया गया है. इसके बाद भी महाराष्ट्र के कई इलाकों में किसानों की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. असल में ऑनलाइन पंजीकरण के बाद चने की खरीदारी नेफेड द्वारा की जाती है. मगर इस साल समय पर नेफ़ेड शुरू न होने के कारण, उन किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं जो सरकारी केंद्रों में अच्छे दामों पर अपनी उपज बेचना चाहते हैं. अब तक नेफ़ेड केंद्र शुरू नहीं होने के कारण किसानों को मजबूरन बाजार में कम दाम में अपनी फसल बेचनी पड़ रही है.

वसई गांव के किसान सतीश कदम कहते हैं कि पिछले साल मैंने नेफेड में चना बेचा था. मगर इस साल अब तक नेफ़ेड का खरीद केंद्र शुरू नहीं हुआ है. इसके कारण किसानों को कम दाम में फसल बेचनी पड़ रही है. किसानों की मांग है कि सरकार पंजीकरण शुरू करे. महाराष्ट्र में हर साल जनवरी के आखिरी हफ्ते में किसानों की फसल का ऑनलाइन पंजीकरण किया जाता है. उसके बाद मार्च के पहले हफ्ते में चने की खरीदी शुरू की जाती है. इस साल फरवरी महीना बीतने को है, लेकिन नेफेड ने ऑनलाइन पंजीकरण शुरू नहीं किया है. इससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है. उनका कहना है कि जब केंद्र ही नहीं खुलेगा तो वे अपनी उपज कहां बेचेंगे.

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नेफेड का खरीद केंद्र नहीं खुलने से चना उत्पादन किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं. इस साल चने के बाजार और सरकारी भाव के बीच प्रति क्विंटल एक हजार रुपये का फर्क है. बाजार में चने का भाव 4200 रुपये क्विंटल चल रहा है. वहीं, सरकारी भाव 5335 रुपये निर्धारित किया गया है. लेकिन समय पर सरकारी केंद्र शुरू नहीं होने के कारण किसानों को अपनी फसल कम दाम में बेचनी पड रही है. किसान गुहार लगा रहे हैं कि जल्द से जल्द नेफेड केंद्र शुरू करे. इसमें जितनी देरी होगी, किसानों को अपनी उपज का सही दाम लेने में उतनी परेशानी उठानी पड़ेगी. जनवरी में शुरू होने वाला खरीदी केंद्र अभी फरवरी तक शुरू नहीं हो सका है.

नेफेड का खरीदी केंद्र चलाने वाले नारायण भिसे ने कहा कि केंद्र पर किसानों के पंजीकरण को लेकर अब तक सरकार से कोई आदेश नहीं मिला है. इस साल 5335 रुपये भाव निर्धारित किया है. जब आदेश मिलेगा तो तुरंत किसानों की फसल का पंजीकरण किया जाएगा. अभी इसके बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता.(ध्यानेश्वर उंडल की रिपोर्ट)

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