महाराष्ट्र में किसानों की समस्या बढ़ती ही जा रही है. राज्य में कपास और प्याज की गिरती कीमतों से किसान उबर भी नहीं पाए थे कि अब गोभी की खेती करने वाले किसानों को उचित दाम नहीं मिल रहा है. हालत ये हो गई है कि किसान फसल बर्बाद करने के लिए मजबूर हो गए हैं. दरअसल, पुणे जिले के इंदापुर तालुका में पत्ता गोभी की वाजिब कीमत नहीं मिलने पर परेशान किसान अपनी फसलों को ट्रैक्टर से नष्ट करने के लिए मजबूर हो गए हैं. वहीं किसानों का कहना हैं कि उत्पादन लागत बढ़ गई है और बाजारों में उपज का इतना कम भाव मिल रहा है कि वे परेशान हैं. ऐसे में वे खेत में ट्रैक्टर चला कर अगली फसल की तैयारी में लग गए हैं.
किसान सुनील कलंगे ने बताया कि नवंबर में उन्होंने अपने एक एकड़ खेत में पत्ता गोभी की खेती की थी. जिसमें उन्होंने पत्ता गोभी के 10 हजार पौधों को लगाया था. कलंगे ने आगे बताया कि उन्होंने 10 हजार पौधों को 10 हजार रुपये में खरीदा था और निराई-गुड़ाई के लिए 4000 रुपये और खाद के लिए 5000 रुपये खर्च किया था. अन्य दवाओं के लिए 5000 रुपये खर्च किया था. कुल मिलाकर एक एकड़ में 25 हज़ार रुपये की लागत आई है. कलंगे ने बताया कि इतना खर्च तो हो गया है, लेकिन आमदनी हाथ में नहीं आ रही है. बाजार भाव नहीं मिलने के कारण गोभी खेतों से हटाने का फैसला किया और उसकी जगह दूसरी नई फसल की खेती करने जा रहे हैं.
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कोल्हापुर की मंडी में 7 फरवरी को सिर्फ 100 क्विंटल पत्ता गोभी की आवक हुई जिसका न्यूनतम भाव 300 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम भाव 400 रुपये प्रति क्विंटल रहा. औसत भाव 7000 रुपये प्रति क्विंटल रहा. खेड-चाकण में 320 क्विंटल पत्ता गोभी की आवक हुई. जहां न्यूनतम दाम 200 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल रहा. औसत भाव 300 रुपये प्रति क्विंटल रहा. वहीं श्रीरामपुर मंडी में 9 क्विंटल पत्ता गोभी की आवक हुई जिसका न्यूनतम दाम 200 रुपये प्रति क्विंटल रहा. अधिकतम दाम 400 रुपये प्रति क्विंटल जबकि औसत दाम 300 रुपये प्रति क्विंटल मिला.
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