बाजार में बिक रहा है मिलावटी शहद, जानें कैसे करें असली और नकली की पहचान

बाजार में बिक रहा है मिलावटी शहद, जानें कैसे करें असली और नकली की पहचान

शहद के गुणों का वर्णन चरक संहिता  में भी मिलता है. इसी वजह से आयुर्वेद की दवाओं का बेहतर फायदा शुद्ध शहद  के साथ उपयोग होने से मिलता है. शहद के नाम पर इन दिनों बाजार में मिलावट खूब हो रही है. ऐसे में सेहत को फायदा पहुंचाने वाली इस औषधि में मिलावट के नुकसान से बचने के लिए हमें  शुद्ध शहद की पहचान होना जरूरी है.

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बाजार में बिक रहा है मिलावटी शहद, जानें कैसे करें असली और नकली की पहचानजानें शुद्ध शहद के पहचान के तरिके

शुद्ध शहद को मधुमक्खियां फूलों के अर्क से बनाती हैं जिसका सेवन करने से कई तरह की बीमारियों में फायदा होता है. शहद को जीवाणु रोधी, एंटीफंगल के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर माना गया है. अमेरिका के नेशनल लाइब्रेरी ऑफ़ मेडिसिन की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार शहद में प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन, एंजाइम, खनिज भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. शहद के गुणों का वर्णन चरक संहिता में भी मिलता है. इसी वजह से आयुर्वेद की दवाओं का बेहतर फायदा शुद्ध शहद के साथ उपयोग होने से मिलता है. शहद के नाम पर इन दिनों बाजार में मिलावट खूब हो रही है. ऐसे में सेहत को फायदा पहुंचाने वाली इस औषधि में मिलावट के नुकसान से बचने के लिए हमें  शुद्ध शहद की पहचान होना जरूरी है.

कैसे करें असली और नकली शहद की पहचान

उत्तर प्रदेश देश में शहद का बड़ा उत्पादक राज्य है. प्रदेश में शहद का उत्पादन सबसे ज्यादा सरसों की फसल से होता है. उत्तर प्रदेश में सरसों की खेती नवंबर से लेकर मार्च महीने तक होती है. इस दौरान मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों को 5 महीने तक शहद उत्पादन करने का मौका मिलता है. शुद्ध शहद जहां हमारी सेहत के लिए फायदेमंद है तो बाजार में बिकने वाली मिलावट की शहद से सेहत को नुकसान भी बताया गया है. आइए जानते हैं असली शहद को पहचानने का तरीका

1- शुद्ध शहद की पहचान पानी के माध्यम से आज भी ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों द्वारा की जाती है. लखनऊ में शहद के उत्पादन से 30 वर्षों से जुड़े हुए किसान बृजेश वर्मा बताते हैं कि शुद्ध शहद को पहचान करने के लिए एक कांच के गिलास में पानी लें और उसमें एक चम्मच शहद डालें. अगर शहद गिलास के नीचे आकर पानी में बैठ जाती है तो यह शुद्ध है, अगर यह घुल जाती है तो इसमें मिलावट है.

2- शुद्ध शहद की पहचान करने का दूसरा सबसे सरल तरीका है, इसे रुई में लगाकर आग में जलाया जाए. अगर शुद्ध शहद होगी तो यह मोमबत्ती की तरह जलने लगेगी. अगर इसमें किसी तरह की मिलावट होगी तो यह नहीं जलेगी.

3- शहद को आसानी से घर पर पहचान करने के लिए सफेद कपड़े पर असली शहद को गिराते ही यह चिपकता नहीं है, बल्कि बिना चिपके मोती की शक्ल में फिसलती है जबकि मिलावट वाली शहद कपड़े में चिपक जाएगी.

4- वही असली शहद को पहचान करने के लिए इसे किसी भी साफ कपड़े में लगाएं. अगर शहद शुद्ध होगी तो यह कपड़े पर किसी भी तरीके का दाग नहीं छोड़ेगी, जबकि मिलावट वाली शहद कपड़े पर अपना दाग छोड़ देती है.

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सर्दियों में बढ़ जाते हैं शहद के फायदे

शहद में एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होता है जो सर्दी, जुकाम, खांसी की समस्या में सहायक माना जाता है. मौसमी बीमारियों से बचने के लिए शहद का उपयोग फायदेमंद है. आयुर्वेद की किताब चरक संहिता में भी शहद के फायदों का वर्णन मिलता है. शहद में कई तरह के एंजाइम मौजूद होते हैं जो पाचन से जुड़ी हुई समस्याओं में मददगार हैं. वजन घटाने के लिए शहद का सेवन उपयोगी है. सुबह खाली पेट गुनगुने पानी में शहद का सेवन करने से वजन कम होता है. वहीं सर्दियों में रूखी त्वचा का फेस पैक चेहरे की चमक को बढ़ाने में मददगार है.

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