महाराष्ट्र में किसानों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. कभी बेमौसम बारिश तो कभी उपज का सही दाम नहीं मिल पाना उनके लिए बड़ी समस्या है. राज्य में एक तरफ कपास और सोयाबीन की गिरती कीमतों से किसान संकट में हैं. वहीं अब टमाटर की कीमतों में गिरावट देखी जा रही है. इस समय कई मंडियों में टमाटर का न्यूनतम दाम 100 और अधिकतम 300 रुपये क्विंटल तक मिल रहा है. टमाटर की कीमतों में पिछले सप्ताह से भारी गिरावट आई है. व्यापारियों का कहना हैं कि बाजारों में टमाटर की आवक बढ़ने से कीमतों में गिरावट देखी जा रही है.
राज्य के नासिक, पुणे, सतारा, अहमदनगर, नागपुर, सांगली जिलों के सब्जी किसानों ने बड़ी मात्रा में टमाटर उगाए हैं. इतना कम भाव मिलने से किसान चिंतित हैं. ऐसे में वे अपना लागत खर्च भी नहीं निकाल पा रहे हैं. बाजार समिति परिसर में किसानों की मायूसी की तस्वीर देखी जा सकती है.
उपज के गिरते दामों को देख किसानों को अब आर्थिक संकट का डर सताने लगा है. किसानों का कहना है कि दूसरी उपज की तरह टमाटर का स्टॉक नहीं कर सकते हैं. इसलिए वे कम कीमतों में टमाटर बेचने के लिए मजबूर हैं. ऐसे में किसनों को भारी नुकसान हो रहा है. किसान सावंत पाटिल बताते हैं कि टमाटर की कीमतों से तो ज्यादा हमारी लागत मूल्य है. ऐसे में किसानों का गुजारा कैसे हो पाएगा. ऑल इंडिया वेजिटेबल एसोसिएशन के अध्यक्ष राम गाढ़वे का कहना है कि इस साल उन जिलों में भी टमटर की खेती हुई जहां पर पहले नहीं की जाती थी. इसकी वजह से उत्पादन में तेज़ी आई है. मंडी में इस समय जो भाव की किसानों को मिल रहा है उससे उन्हें फायदा नहीं हो रहा है. किसानों को प्रति एकड़ 70 से 80 हज़ार रुपये प्रति क्विंटल का खर्च आता है. इसलिए अब कुछ जिलों में किसान अब थोड़ा थोड़ा कर के टमटर बेच रहे हैं.
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