मध्य प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं की सरकारी खरीद के 5 दिन ही बचे हैं. राज्य में 15 मार्च 2025 से शुरू हुई खरीद की प्रक्रिया 5 मई को समाप्त होने वाली है. प्रदेश के किसानों को गेहूं के लिए 2425 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी के अलावा 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस भी दिया जा रहा है. ऐसे में यहां किसानों को 2600 रुपये प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है. यही वजह है कि ज्यादातर किसान निजी व्यापारियों को उपज बेचने के बजाय सरकारी एजेंसियों को बेचने में रुचि ले रहे हैं. लेकिन, आखिरी 5 दिनों में कौन-से किसान अपनी उपज उपार्जन केंद्र यानी खरीद केंद्र पर बेच सकेंगे, यह जानना बहुत जरूरी है. ऐसे में जानिए आखिर कौन-से किसान उपज बेच सकते हैं.
सरकार ने गेहूं खरीद के लिए जो प्रक्रिया बनाई है, उसमें रजिस्टर्ड किसानों को खरीद केंद्र पर उपज बेचने के लिए तारीख और टाइम स्लॉट बुक करना अनिवार्य है. ऐसे में जिन किसानों ने 30 अप्रैल तक स्लॉट बुकिंग की थी, उन्हें ही इन पांच दिनों में उपज बेचने का मौका मिलेगा. जिन किसानों ने स्लॉट बुक नहीं किया है, वे अब सरकारी एजेंसियों को गेहूं नहीं बेच सकेंगे. छूटे हुए किसान अब बिक्री के लिए स्लॉट बुक भी नहीं कर सकेंगे. पिछले हफ्ते ही सीएम मोहन यादव ने अफसरों को निर्देश दिए थे कि वे किसानों से 30 अप्रैल तक गेहूं बिक्री के लिए स्लॉट बुक करवां ले और ऐसे सभी किसानों से 5 मई तक गेहूं की खरीद का काम पूरा कर लें.
राज्य के सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्य प्रदेश इस सीजन में गेहूं के लिए सबसे ज्यादा भाव देने वाला राज्य बन गया है. अन्य किसी राज्य में किसानों को गेहूं का इतना मूल्य नहीं मिल रहा है. सीएम ने कहा कि गेहूं उत्पादन और खरीद के मामले में भी मध्य प्रदेश पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से आगे है.
वहीं, प्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविन्द सिंह राजपूत के पिछले महीने दिए गए बयान के अनुसार, 20 जनवरी से 9 अप्रैल तक एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए राज्य के 15.33 लाख किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया. इनमें से अब तक बड़ी संख्या में किसान अपनी फसल खरीद केंद्रों पर बेच चुके हैं.
प्रदेश में 3,528 उपार्जन केंद्र यानी खरीद केंद्र बनाए गए हैं. खरीद केंद्रों पर किसानों को गर्मी से बचाने के लिए टेंट, बैठने की व्यवस्था, पानी, पंखे, तौल मशीन और कंप्यूटर जैसी सभी जरूरी सुविधाओं की व्यवस्था की गई है. साथ ही कई केंद्रों पर गेहूं की साफ-सफाई के लिए क्लीनिंग मशीन भी इस्तेमाल की जा रही हैं.
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today