प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में राजस्थान के सीकर में आय़ोजित कार्यक्रम में देश के किसानों के खाते में प्रधानमत्री किसान सम्मान निधि की राशि ट्रांसफर की. इस दौरान देश के साढ़े आठ करोड़ किसानों के बैंक खाते में 17 हजार करोड़ रुपये की राशि ट्रांसफर की गई. पर झारखंड के लाखों किसानों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पाया. आंकड़ों के मुताबिक 8,49,061 किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं मिला, इन किसानों के खाते में पैसे ट्रांसफर नहीं हो पाए. विधानसभा में इस मामले पर बोलते हुए साहेबगंज विधायक अनंत ओझा ने बताया कि जमीन संबंधित कागजातों की जांच सही समय पर पूरी नहीं हो पाने के कारण किसानों को सम्मान निधि के लाभ से वंचित होना पड़ा.
राज्य सरकार ने भी सदन में इस बात को स्वीकार किया कि इन कारणो के चलते झारखंड के किसानों को लाभ नहीं मिल पाया है. अंनत ओझा के सवाल पर राज्य सरकार ने जवाब दिया की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत जिन भी जमीन के कागजातो का सत्यापन नहीं हुआ है उसे पूरा करने की जिम्मेदारी मुख्य सचिव के स्तर से जिले के उपायुक्तों और कृषि पदाधिकारियों को दी गई है. गौरतलब है कि कई ऐसे किसान भी हैं जो यह शिकायत कर रहे हैं कि सब कुछ अपडेट रहने के बाद भी उनके खाते में पैसे नहीं आए हैं. ऐसे किसान पीएम किसान कि वेबसाइट पर जाकर फिर से अपने आवेदन के स्टेटस की जांच कर सकते हैं.
मुख्यमंत्री सुखाड़ योजना को लेकर भी सदन में सवाल उठाया गया. विधायक प्रदीप यादव के सवाल पर सरकार ने बताया कि अब तक राज्य के 13.50 लाख किसानों को मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना का लाभ मिला है. सभी किसानों को सत्यापन के लाभ दिय़ा गया है. सरकार ने बताया की सुखाड़ राहत योजना के तहत राज्य के 13.50 लाख किसानों को 477 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. वहीं इस योजना का लाभ लेने के लिए राज्य के 33 लाख किसानों ने आवेदन दिया था. कांग्रेस नेता बधुं तिर्की ने भी सदन के बाहर इस पर बोलते हुए कहा था कि राज्य सरकार को जल्द से जल्द किसानों को सुखा राहत की राशि का भुगतान कर देना चाहिए.
वहीं गोमिया विधायक लंबोदर महतो ने धान खरीद की राशि के भुगतान का मुद्दा उठाया. गौरतलब है कि पिछले साल राज्य में भयंकर सूखा पड़ने के बाद भी राज्य के किसानों ने अपनी मेहनत से धान उगाया था और सरकार को बेचा था, पर अभी तक किसानों को उनके बेचे गए धान की राशि की दूसरी किश्त का भुगतान नहीं किया गया है. राज्य में ऐसे किसानों की संख्या 29000 है जो अपने पैसे का इंतजार कर रहे हैं. जबकि 38 ऐसे किसान हैं जिन्हें एक भी किस्त का भुगतान नहीं का गया है. राज्य के किसानों का 167 करोड़ रुपया बकाया है.
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