हिमाचल प्रदेश: बारिश नहीं होने से चौपट हुई गेहूं-सब्जियों की फसल, 20-25 फीसद गिरी पैदावार

हिमाचल प्रदेश: बारिश नहीं होने से चौपट हुई गेहूं-सब्जियों की फसल, 20-25 फीसद गिरी पैदावार

हिमाचल प्रदेश की रबी फसलें, खासकर गेहूं और सब्जियां दिसंबर और जनवरी महीने में प्रभावित हुई हैं. पूरा दिसंबर सूखा गुजरा जबकि जनवरी में 10 तारीख तक 96 परसेंट तक बारिश की कमी दर्ज हुई है. एक उम्मीद ये जताई जा रही है कि इस नुकसान को 10-15 तक पाटा जा सकता है अगर जनवरी 14-15 तक प्रदेश में बारिश या बर्फबारी हो.

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कम बारिश से चौपट हुई गेहूं-सब्जियों की फसल, 20-25 फीसद गिरी पैदावारहिमाचल प्रदेश में बारिश नहीं होने से सब्जियों की खेती पर बुरा असर पड़ा है (फाइल फोटो)

हिमाचल प्रदेश में बारिश (dry spell) नहीं होने से कई फसलें चौपट हुई हैं. इनमें गेहूं और सब्जियों की खेती सबसे अधिक प्रभावित हुई है. इस सीजन में लंबे दिनों तक बारिश नहीं होने की वजह से हिमाचल प्रदेश में गेहूं (wheat crop) और सब्जियों की पैदावार 20-25 फीसद तक कम हो गई है. यह आंकड़ा हिमाचल के उन इलाकों का है जहां बारिश के पानी से सिंचित होते हैं या जहां बारिश पर खेती निर्भर करती है. एक जनवरी से 10 जनवरी के बीच हिमाचल प्रदेश में केवल 0.7 फीसद बारिश दर्ज की गई है जो कि 96 परसेंट की कमी को दर्शाता है. अगर बारिश अच्छी हुई रहती तो गेहूं और सब्जियों की उपज (vegetables crop) बंपर देखने को मिलती.

हिमाचल प्रदेश में दिसंबर महीने में 100 परसेंट तक बारिश की कमी देखी गई. इसका अर्थ हुआ कि दिसंबर में एक बूंद भी बारिश नहीं हुई जिसका असर गेहूं और सब्जियों पर पड़ा है. हिमाचल प्रदेश की रबी फसलें, खासकर गेहूं और सब्जियां दिसंबर और जनवरी महीने में प्रभावित हुई हैं. पूरा दिसंबर सूखा गुजरा जबकि जनवरी में 10 तारीख तक 96 परसेंट तक बारिश की कमी दर्ज हुई है. 

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हिमाचल प्रदेश के वर्षा आधारित क्षेत्रों (rainfed area) में सूखे (dry spell) की स्थिति देखी जा रही है. हिमाचल कृषि विभाग के निदेशक बीआर तखी ने 'PTI' से कहा कि खेती योग्य जमीन में 75 फीसद हिस्सा वर्षा आधारित है जहां बारिश (rain) की घोर कमी है. इससे गेहूं और सब्जियों का भारी नुकसान हुआ है. हालांकि, एक उम्मीद ये जताई जा रही है कि इस नुकसान को 10-15 तक पाटा जा सकता है अगर जनवरी 14-15 तक प्रदेश में बारिश या बर्फबारी हो. अब बर्फबारी शुरू हुई है, तो कुछ नुकसान की भरपाई होने की उम्मीद है.

हिमाचल प्रदेश में 3.30 लाख हेक्टेयर में गेहूं की फसल (wheat crop) हो रही है और उपज का अनुमान 6.17 लाख मीट्रिक टन का है. प्रदेश में 82,000 हेक्टेयर में सब्जियों की खेती (vegetable crop) की जा रही है जिसमें उत्पादन का लक्ष्य 17.59 लाख मीट्रिक टन रखा गया है.

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अच्छी बात ये है कि मौसम विभाग (MeT) ने अनुमान जताया है कि 14 जनवरी तक प्रदेश में अच्छी बारिश या बर्फबारी हो सकती है. अनुमान है कि मंगलवार रात के बाद पश्चिमी विक्षोभ हिमाचल के मौसम को प्रभावित कर सकता है. 13 जनवरी तक प्रदेश के कई इलाकों में हल्की या मध्यम दर्जे की बारिश (rain), बर्फबारी हो सकती है. लोकल मौसम विभाग, शिमला के निदेशक सुरेंदर पॉल ने कहा, 12 फरवरी को चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, शिमला, लाहौल और स्पीति और किन्नौर जिले छिटपुट जगहों पर भारी बारिश या बर्फबारी हो सकती है.

शिमला में भारी बर्फबारी की भविष्यवाणी की गई है. इससे सैलानियों की आमद बढ़ सकती है. MeT कार्यालय ने कहा कि बर्फबारी से पानी, बिजली, फोन जैसी आवश्यक सेवाओं के बाधित होने की आशंका है. विजिबिलिटी भी कम होने की संभावना है. कहीं-कहीं लैंड स्लाइड भी हो सकता है. निचले और मध्य पहाड़ी में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली गिरने की चेतावनी दी गई है.

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