बहराइच जिले में बीती रात खेत में मौजूद जंगली हाथियों के झुंड को भगाने गए किसान को हाथियों ने घेर कर रौंद डाला. इस घटना में किसान की दर्दनाक मौत हो गई. घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे पुलिस और वन कर्मियों ने शव को कब्जे में लिया. वहीं, इस घटना पर जिले के कतरनियाघाट वन्य जीव विहार के वन अधिकारी (डीएफओ) ने मृतक के परिजनों को आपदा राहत से पांच लाख रुपये दिलाए जाने की बात कही. उत्तर प्रदेश में फसलों पर छुट्टा पशुओं का हमला देखा जा रहा है जिससे बचाव के लिए किसान दिन-रात एक किए हुए हैं. यह नई घटना हाथियों से जुड़ी है जिसमें किसान की मौत हो गई.
घटना बीती रात की है. बहराइच जिले के इंडो नेपाल बॉर्डर क्षेत्र स्थित कतरनियाघाट वन्य जीव विहार से सटे आंबा बर्दिया गांव के कुछ किसान अपने गेहूं के खेत में सिंचाई कर रहे थे. घने कोहरे के चलते उन्हें खेतों में जंगली जानवर के होने की भनक नहीं लग सकी. इसी दौरान जंगली हाथियों का झुंड किसानों के नजदीक आ गया. हाथियों के झुंड को देखकर अन्य किसान भाग गए लेकिन आंबा गांव के 32 वर्षीय सुरेश कुमार अकेले फंस गए.
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किसान सुरेश कुमार अकेले ही हाथियों को वहां से हांका लगा कर भगाने लगे. इस पर गुस्साए हाथियों ने सुरेश कुमार को घेर कर रौंद डाला जिसमें सुरेश की दर्दनाक मौत हो गई. घटना की सूचना पर क्षेत्रीय वन रेंज अधिकारी विजय कुमार मिश्रा अपने सहयोगी वन कर्मियों और स्थानीय सुजौली थाने के इंस्पेक्टर के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लिया. आगे की कार्रवाई की गई है और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
इस घटना पर कतरनियाघाट वन्य जीव विहार के प्रभागीय वनाधिकारी (डीएफओ) आकाशदीप बधावन का कहना है कि उन्होंने आंबा गांव में गज मित्र (हाथियों से बचाव के लिए कर्मचारी) की तैनाती की है. साथ ही लोगों को हाथियों से बचने के लिए और उस क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ के माध्यम से किट का वितरण कराया गया है. हाथियों के हमले से बचने के गुर भी सिखाए गए हैं. उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर पहुंचने के बाद उनके वन रेंज अधिकारी विजय कुमार मिश्रा ने मृतक परिवार को तत्काल दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई है. वहीं मृतक सुरेश कुमार के परिजनों को आपदा राहत कोष से पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद दिलाई जाएगी.
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पीड़ित परिवार का कहना है कि जंगली जानवरों पर प्रशासन को रोक लगाना चाहिए. मुआवजे की राशि को लेकर भी परिजनों में रोष है. इस क्षेत्र में हाथियों का आतंक देखा जाता है जिससे बचने के लिए वन विभाग की तरफ से गांव के लोगों को टॉर्च, पेपर स्प्रे और जैकेट आदि दिए गए हैं. हाथियों को भगाने और उनसे बचाव के लिए लोगों को ट्रेनिंग भी दी गई है. वन अधिकारी ने कहा कि इस बात की जांच कराई जाएगी कि हाथियों का हमला कैसे और क्यों हुआ जबकि इस इलाके में हर तरह की ट्रेनिंग और बंदोबस्त किए गए हैं.(रामबरन चौधरी की रिपोर्ट)
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