हरियाणा के सोनीपत जिले में प्राकृतिक खेती को लेकर किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि विभाग ने स्पेशल 7 मॉडल प्लाट बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. इन सभी 7 प्लाटों पर प्राकृतिक खेती पद्धति से संबंधित सभी प्रकार की जानकारियों को बोर्ड पर अंकित की जाए्रंगी. तो वहीं इन सभी प्लाटों को ऐसी जगहों पर बनाया जाएगा. जहां पहुंचना आम किसान के साथ ही अधिकारियों के लिए भी बेहद आसान हो. जिसके लिए जीटी रोड के अगल-बगल बसे गांवों को प्राथमिकता दी जा रही है.
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कृषि विभाग ने प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट के पहले चरण में जिले के 26 किसानों का चयन किया गया है. ये 26 किसान मिलकर 70 एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती करेंगे. प्राकृतिक खेती का एक प्लाट 1 एकड़ से लेकर 8 एकड़ तक का होगा. हुल्ला हांड़ी गांव निवासी राजपाल सिंह जहां 8 एकड़ भूमि में प्राकृतिक खेती के तकनीक से गेहूं का उत्पादन करेंगे. वहीं नाहरी गांव के निवासी साहब सिंह एक एकड़ जमीन में प्राकृतिक खेती के तकनीक से अमरूद की खेती करेंगे.
इसी तरह से पांची जाटान, भिवान, बेगा, एम. पी. मजरा, नया बांस, बड़ी पुरखास राठी, सटावली, बैयपुर, शहजादपुर सहित अलग-अलग गांवों में किसानों ने प्राकृतिक खेती पद्धति को अपनाने का फैसला किया है.
प्राकृतिक खेती प्रोजेक्ट के माध्यम से मॉडल प्लाट को टूरिस्ट प्लेस की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. रासायनिक खेती की वजह से एक तरफ जहां फसल उत्पादन की लागत लगातार आसमान छूती जा रही है. वहीं पर्यावरण के साथ-साथ फसल की गुणवत्ता कम होने की वजह से लोगों का सेहत पर भी काफी असर पड़ रहा है. ज्यादा रासायनिक खाद और दवाइयों की इस्तेमाल से फसलों का निर्यात भी काफी प्रभावित हो रहा है. ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा रासायनिक खेती को छोड़कर किसानों को प्राकृतिक खेती की तरफ झुकाव का प्रयास किया जा रहा है.
कृषि विभाग की टीम के कृषि उपनिदेशक अनिल सहरावत के नेतृत्व में बीते दिनों इसी कड़ी में पलड़ा गांव में पहुंचकर किसान जोगेंद्र के खेत का निरीक्षण किया. जोगेंद्र पूरी तरीके से प्राकृतिक खेती करते हैं. उन्होंने एक एकड़ में गेहू, चना, सरसों और पालक उगाई है. इसके अलावा एक एकड़ भूमि में गन्ने का उत्पादन भी प्राकृतिक पद्धति के हिसाब से किया है और इससे उनके उत्पादन में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं आई है. कृषि विभाग की टीम मॉडल प्लाट तैयार करने के लिए जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचकर ऐसे किसानों की निरीक्षण कर रही है. जो प्राकृतिक पद्धति से खेती कर रहे हैं.
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