बिहार में बीते दो महीनों के दौरान मौसम का मिश्रित प्रभाव देखने को मिला. जहां कभी बारिश तो कभी गर्मी की वजह से इंसानों से लेकर कृषि पर असर देखने को मिला. वहीं, एक बार फिर मौसम विभाग द्वारा राज्य के अधिकांश जिलों में बारिश और तापमान में बढ़ोतरी होने की उम्मीद जताई जा रही है. जहां एक ओर बारिश आम और लीची की फसल के लिए वरदान साबित हुई है, वहीं तापमान में अचानक वृद्धि की वजह से शाही लीची के फटने की संख्या में बढ़ोतरी भी हुई है, जिससे लीची के उत्पादन पर सीधा असर पड़ा है. अगर मौसम विभाग द्वारा जारी पूर्वानुमान की बात की जाए तो 17 मई को राज्य के सभी जिलों में हल्की बारिश होने की उम्मीद है. इस बीच, राज्य के विभिन्न इलाकों में अधिकतम तापमान 42 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया.
पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, गुरुवार को जहां 14 जिलों में बारिश होने का अनुमान लगाया गया है, वहीं 24 जिलों में गर्मी के तापमान में बढ़ोतरी होने की उम्मीद है. मौसम विभाग की ओर से बारिश को लेकर जारी पूर्वानुमान में सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया और कटिहार जिलों के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं. जबकि 16 मई को इन जिलों के अलावा पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, सारण और सिवान में बारिश होने के आसार हैं. इन दो दिनों के बीच हवा की रफ्तार 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा के बीच रहेगी. इस दौरान तापमान में इन जिलों में गिरावट देखी जा सकती है, जबकि शेष अन्य जिलों में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है.
मौसम विभाग ने 17 मई को राज्य के 38 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश और वज्रपात होने की संभावना जताई है. राज्य के उत्तरी भाग के एक-दो स्थानों पर हल्की बारिश की अधिक संभावना है, जबकि दक्षिण-पश्चिम और दक्षिण-मध्य भाग के इलाकों में मौसम गर्म और आर्द्र दिन रहने की संभावना है.
इसके अलावा मौसम विभाग ने 18 और 19 मई को बक्सर, भभुआ, रोहतास, भोजपुर, औरंगाबाद और अरवल जिलों में और 20 मई को इन जिलों के अलावा पटना, गया, नालंदा, शेखपुरा, नवादा, लखीसराय, बेगूसराय और जहानाबाद जिलों में मौसम शुष्क रहने की बात कही है, जबकि शेष अन्य जिलों में इन तीन दिनों के बीच कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है.
बिहार लीची उत्पादक संघ के अध्यक्ष बच्चा सिंह कहते हैं कि मौसम के मिश्रित मिजाज के बीच लीची की फसल पर असर देखने को मिल रहा है. जहां बारिश लीची के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, वहीं 42 डिग्री तापमान में हो रही बेतहाशा वृद्धि की वजह से लीची के तैयार फल फटने लगे हैं. अधिक गर्मी की वजह से लीची के फल जल गए हैं, जिससे बीते एक सप्ताह के भीतर केवल शाही लीची को 10 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ है. हालांकि, बीते दिनों हुई बारिश की वजह से अभी लीची के फल फटने की संख्या में कमी आई है.
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