अब 15 से 20 दिनों में मुजफ्फरपुर की शाही लीची बाजारों में आ जाएगी. उससे पहले हुई यह बारिश लीची के लिए किसी अमृत से कम नहीं है. बिहार में अचानक मौसम परिवर्तन के बाद लीची किसानों को काफी फायदा हुआ है. मुजफ्फरपुर की सुप्रसिद्ध शाही लीची में लालपन आना शुरू हो गया है.
शुक्रवार को राज्य के 23 जिलों में आंधी और बारिश होने की संभावना है. वहीं,"राज्य में हुई बारिश से गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है. वहीं यह लीची और आम के लिए वरदान साबित हो रही है. मौसम विभाग के अनुसार, 20 अप्रैल तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बारिश का असर जारी रहेगा."
रोहतास जिला में सोनाचूर चावल की बंपर खेती होती है. इस चावल के दाने छोटे-छोटे और काफी खुशबूदार होते हैं. बड़ी बात यह है कि यह चावल सुपाच्य भी है. फिलहाल किसान इसे मात्र पांच हजार से छह हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बाजार में बेच रहे हैं. अब आप समझ सकते हैं कि जब इस चावल को जीआई टैग मिल जाएगा तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी कितनी पहचान बनेगी.
बगहा में मियाजाकी आम की खेती करने वाले मंगलपुर के किसान कल्याण शुक्ला हैं जिन्होंने करीब 1 एकड़ में विदेशी वैरायटी के आमों के बाग तैयार किए हैं. इसके साथ ही डेढ़ एकड़ में लीची की भी खेती कर रहे हैं. इन बागानों से उन्हें सालाना 5 लाख रुपये से अधिक की आमदनी होती है. यही नहीं, वे खुद कलम तैयार कर पौधे भी बेचते हैं, जिससे क्षेत्र के अन्य किसानों को भी नई राह मिल रही है.
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