Rice for Poultry Feed पोल्ट्री सेक्टर ने केन्द्र सरकार से 20 लाख टन चावल देने की गुहार लगाई है. चावल मुर्गे-मुर्गियों के फीड में शामिल करने के लिए मांगा गया है. इस संबंध में ऑल इंडिया पोल्ट्री ब्रीडर्स एसोसिएशन (AIPBA) की ओर से एक पत्र लिखा गया है. पत्र एसोसिएशन के चेयरमैन बहादुर अली ने लिखा है. केन्द्रीय पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह के नाम इस पत्र में फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) से चावल दिलाने की बात कही गई है. पत्र में बहादुर अली ने लिखा है कि पोल्ट्री फीड का मुख्य तत्व मक्का इस वक्त बाजार में अच्छी क्वालिटी का नहीं आ रहा है.
जो अच्छी क्वालिटी का मक्का है भी तो उसकी मात्रा कम और रेट बहुत ज्यादा है. पोल्ट्री से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि मक्का महंगी होने के चलते पोल्ट्री फीड की लागत बढ़ गई है. फीड के चलते ही पोल्ट्री प्रोडक्ट अंडे और चिकन की लागत भी बढ़ गई है. लेकिन पोल्ट्री फार्मर को लागत के हिसाब से बाजार में दाम नहीं मिल पा रहे हैं. मुनाफा तो छोडि़ए लागत निकालना मुश्किखल हो गया है.
चैयरमेन बहादुर अली ने पत्र में ये भी कहा है कि मौजूदा वक्त में मक्का देशभर के पोल्ट्री किसानों और इंटीग्रेटर्स को प्रभावित कर रही है. फीड ग्रेड की मक्का की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इतना ही नहीं बारिश और दूसरी वजह से बाजार में बिक रहे मक्का की क्वालिटी काफी खराब हो गई है. जो मक्का बची है वो दूषित हो गई है. ऐसी मक्का पोल्ट्री फीड के लिए बहुत खराब मानी जाती है. इतना ही नहीं खराब मक्का से बने फीड को खाने के बाद मुर्गे-मुर्गियां बीमारी हो जाते हैं. परेशानी की बात ये है कि बाजार में इस वक्त इथेनॉल और स्टार्च के मतलब की मक्का ही 22 से 25 रुपये किलो के हिसाब से बिक रही है. इसीलिए पोल्ट्री फीड में अस्थायी रूप से चावल को शामिल करने के लिए डिमांड की जा रही है. चावल इस परेशानी से उबरने में मदद करेगा.
इससे पहले भी बहादुर अली मक्का के मुद्दे को उठा चुके हैं. केन्द्र सरकार को लिखे पत्र में वो डिमांड कर चुके हैं कि इंपोर्ट डयूटी खत्म कर मक्का इंपोर्ट करने की अनुमति दी जाए. क्योंकि देश के कुल मक्का उत्पादन का 60 फीसद हिस्सा पोल्ट्री सेक्टर को चाहिए होता है. और हर साल पोल्ट्री सेक्टर आठ से 10 फीसद की दर से बढ़ रहा है. जबकि मक्का का उत्पादन चार से पांच फीसद ही बढ़ रहा है. वहीं उन्होंने जीएम मक्का जिससे 32 से 40 फीसद तक मक्का उत्पादन बढ़ जाएगा की देश में खेती करने की अनुमति भी सरकार मांगी है.
ये भी पढ़ें- Fish Farming: कोयले की बंद खदानों में इस तकनीक से मछली पालन कर कमा रहे लाखों रुपये महीना
ये भी पढ़ें- Cage Fisheries: 61 साल बाद 56 गांव अपनी जमीन पर कर रहे मछली पालन, जानें वजह
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today