Dairy Ghee: ‘डेयरी सेक्टर को बढ़ाना है तो घी पर लगी जीएसटी को कम करना होगा’ 

Dairy Ghee: ‘डेयरी सेक्टर को बढ़ाना है तो घी पर लगी जीएसटी को कम करना होगा’ 

इंडियन डेयरी एसोसिएशन का कहना है कि घी में किसान को भविष्य छिपा हुआ है. देश ही नहीं विदेश के घी बाजार में भी बहुत मौके हैं. हमारे पास दूध कलेक्शन से लेकर सप्लाई तक की इतनी मजबूत और सस्ती चेन है कि कोई हमारा मुकाबला नहीं कर पाएगा. टैरिफ की चर्चाओं के बीच घी पर लगी जीएसटी की भी चर्चा हो रही है. 

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Dairy Ghee: ‘डेयरी सेक्टर को बढ़ाना है तो घी पर लगी जीएसटी को कम करना होगा’ नकली घी जब्त

‘हम कोशि‍श कर रहे हैं कि पशुपालक की इनकम बढ़ाई जाए. मकसद है कि पशुपालक की आने वाली पीढ़ी भी पशुपालन करे. दूध और दूध से बने प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए खासतौर पर क्वालिटी, पैकेजिंग और लोकल ब्रांड पर जोर दिया जा रहा है. दूध का उत्पादन बढ़ाने और एक्सपोर्ट मार्केट में डिमांड बढ़ाने की भी पूरी कोशि‍श हो रही है. डेयरी टेक्नोलॉजी से लेकर पशुओं की बीमारियों के टीके तक पर देशभर में चर्चा हो रही है. कंपनियों से लेकर सरकारों तक की कोशि‍श है कि देश में छह फीसद की दर से बढ़ रहे डेयरी सेक्टर की रफ्तार को और बढ़ाया जाए. लेकिन ये तभी मुमकिन होगा जब डेयरी सेक्टर को टैक्स में राहत दी जाएगी. जैसे बाहर से मंगाए जाने वाले खाने के तेल पर पांच फीसद डयूटी लगती है. 

जबकि एनीमल प्रोडक्ट घी पर पशुपालक से 12 फीसद जीएसटी ली जा रही है.’ ये कहना है इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉ. आरएस सोढ़ी का कहना है, उनका कहना है कि जब घी पर टैक्स लगेगा तो डेयरी कैसे बढ़ेगी. हम कई बार सरकार तक इस बात को पहुंचा चुके हैं. बीते कई साल से हर प्लेटफार्म पर हम घी पर लगी जीएसटी को कम कराने के लिए आवाज को उठा रहे हैं. लेकिन आज भी नतीजा वहीं का वहीं है. 

डेयरी प्रोडक्ट की खपत बढ़ाने के साथ बनाना होगा घी

इंडियन डेयरी एसोसिएशन के प्रेसिडेंट और अमूल के पूर्व एमडी डॉ. आरएस सोढ़ी का कहना है, ‘उम्मीद है कि भारत में दूध उत्पादन इसी तरह से बढ़ता रहेगा. लेकिन इसके लिए जरूरी है कि कुछ अन्य‍ बातों के साथ ही दूध और उससे बने आइटम की खपत भी बढ़ाई जाए. इसके लिए सबसे बेहतर प्रोडक्ट है घी. हमे घी पर काम करने की जरूरत है.

घी एक आयुर्वेद प्रोडक्ट है. इससे हमारी त्वचा अच्छी होती है, दिमाग भी अच्छा होता है. लेकिन हमे ये बात दूसरे देशों को बतानी होगी. जब इटली ऑलिव आयल के लिए और स्विट्जरलैंड चॉकलेट के लिए अपनी पहचान बना सकता है तो भारत भी घी में विश्व स्तर पर अपनी पहचान कायम कर सकता है.’

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