गाय-भैंस पालन करने वालों या फिर करने की सोचने वालों के लिए विदु एक बड़ा उदाहरण हैं. विदु कोट्टायम, केरल के एक गांव की रहने वाली हैं. सिर्फ आठ साल पहले ही पशुपालन शुरू करने वालीं विदु की कहानी हर किसी को चौंकाती है. यही वजह है कि केरल में सम्मानित होने के बाद अब विदु को इंडियन डेयरी एसोसिएशन ने सम्मानित किया है. हैरान करने वाली बात ये है कि विदु सिर्फ 50 गायों का दूध बेचकर 49 लाख तो उन्हीं गायों का गोबर बेचकर 44 लाख रुपये सालाना कमा रही हैं.
हिसाब-किताब के लिए उन्होंने एक चॉर्टेड अकाउंटेंड भी रखा हुआ है. विदु का डेयरी फार्म पूरी तरह से हाईटेक है और साइंटीफिक तरीके से उसका संचालन किया जाता है. हाल ही में पटना में आयोजित डेयरी कांफ्रेंस में विदु राजीव को उनकी कामयाबी के लिए सम्मानित किया गया है.
विदु ने डेयरी कांफ्रेंस के दौरान किसान तक को बताया कि साल 2017 में उन्होंने गाय पालन शुरू किया था. आज उनके पास 50 गाय हैं. दो विदेशी नस्ल की एचएफ और जसी गाय के साथ एक देसी नस्ल की गाय है. ये रेश्यू इसलिए रखा गया है जिससे दूध का फैट सही बन जाए. रोजाना करीब 340 से 350 लीटर तक दूध मिल जाता है. इसमे से 300 लीटर दूध कोऑपरेटिव को चला जाता है. वहीं बचे हुए 40-50 लीटर दूध में से 25 लीटर स्थानीय ग्राहकों को बेच देते हैं. बाकी जो दूध बचता है उससे घी और दही बना लेते हैं. घी और दही की बहुत डिमांड रहती है. घी बनाने के लिए मशीन लगाई हुई हैं. साल 2023-24 में हमने 44 लाख रुपये का दूध और दूध से बने प्रोडक्ट बेचे थे.
विदु ने बताया कि उनके पास खुद की सात एकड़ जमीन है. पांच एकड़ जमीन लीज पर ले ली है. इस जमीन पर सीजन के हिसाब से हरा चारा उगाया जाता है. हरे चारे का साइलेज बनाकर उसका इस्तेमाल गर्मियों और बरसात के मौसम में किया जाता है. चारा काटने के लिए बिजली से चलने वाली मशीन लगी हुई है. चारे के साथ-साथ जमीन के कुछ हिस्से पर सब्जी भी उगा लेते हैं. कटहल और शिमला मिर्च भी उगाते हैं.
विदु ने बताया कि गोबर की खाद बनाकर बेचते हैं. एक मशीन ऐसी है हमारे पास जो गोबर में से पानी को अलग कर देती है. जो पानी निकलता है वो स्लरी के रूप में दो से ढाई रुपये लीटर के हिसाब से बिक जाता है. वहीं गोबर का सूखा पाउडर 10 रुपये किलो तक बिक जाता है. इसके अलावा गोबर को थोड़ा सा ट्रीट करने के बाद उसकी खाद बनाकर उसे ऊंचे दाम पर बेचा जाता है. साल 2023-24 में हमने 44 लाख रुपये का गोबर बेचा था.
विदु ने किसान तक को बताया कि बीते साल 93 लाख रुपये की जो इनकम हुई थी वो पूरी तरह डेयरी हुई थी. इसके अलावा हम अपने फार्म से शहद भी बेचते हैं. हमने मधुमक्खी पालन किया हुआ है. अंडों के लिए मुर्गियां पाली हुई हैं. बकरी के बच्चे और बड़े बकरे भी बेचते हैं. पशुपालन मेरे पति राजीव का शौक है, और आज भी मुझे हर कदम पर मदद करते हैं.
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