Bio Security: पशु और मुर्गियों को छूने से पहले और बाद में जरूर सैनिटाइज करें हाथ, जानें वजह
कोविड को लेकर अलर्ट रहने वाली खबरें आ रही हैं. ऐसे में पशुपालकों के लिए बहुत ज्यादा सतर्कता बरतना बहुत जरूरी हो जाता है. क्योंकि एक ओर पशुपालक को खुद को और दूसरी ओर पशु को सुराक्षित रखना होता है. ऐसे में बहुत जरूरी है कि डेयरी हो या पोल्ट्री फार्म हर जगह बायो सिक्योरिटी का पालन किया जाए.
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गर्मी में कई बीमारियों की चपेट में आ सकती है गाय (प्रतीकात्मक तस्वीर)
एक बार फिर से देश में कोविड की खबरें आ रही हैं. देश की राजधानी दिल्ली में भी कोविड के केस सामने आए हैं. एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि ये वक्त खासतौर से पशुपालकों के लिए ज्यादा अलर्ट रहने का है. अभी से डेयरी और पोल्ट्री फार्म पर बायो सिक्योरिटी का पालन शुरू कर दें. गाय-भैंस, भेड़-बकरी हो या मुर्गे-मुर्गियां उन्हें हाथ लगाने से पहले और बाद में अपने हाथों को सैनिटाइज जरूर करें. ऐसा करने से पशु समेत पशुपालक भी सुराक्षित रहेंगे. वहीं पशु उत्पादन जैसे दूध-अंडा भी सुराक्षित रहेगा. पशुओं की जनहानि भी नहीं होगी.
बिहार एनिमल साइंस यूनिवर्सिटी (बासु), पटना के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीतसिंह का कहना है कि हम आज तक पशुपालन को अपने पुराने तौर-तरीके अपनाकर करते चले आ रहे हैं. जबकि क्लाइमेट चेंज के चलते अब बहुत बड़ा बदलाव आ चुका है. बहुत सारी बीमारियां पशुओं से इंसानों में आ रही हैं. इसलिए सबसे पहले तो हमे करना यह चाहिए कि हम गाय-भैंस पालें या भेड़-बकरी समेत कोई भी दुधारू पशु, हमे उसे साइंटीफिक तरीके से पालना होगा. इसके लिए जरूरत है कि हम अपने पशुओं के फार्म पर बॉयो सिक्योसरिटी का पालन करें और आने वाले से भी कराएं.
डेयरी फार्म पर बायो सिक्योरिटी के ये हैं नियम
एनीमल एक्सपर्ट की मानें तो बॉयो सिक्योरिटी प्लान के तहत
फार्म की बाड़बंदी करें. जिससे सड़क पर घूमने वाला जानवर या पक्षी आपके फार्म में नहीं घुसे.
अपने फार्म के अंदर और बाहर दवा का छिड़काव जरूर कराएं.
कुछ दवा फार्म पर रखें जिनका इस्तेमाल हाथ साफ करने के लिए हो.
हाथ सेनेटाइज करने के बाद ही पशु-पक्षियों को हाथ लगाएं.
पशु को हाथ लगाने के बाद एक बार फिर से दवाई का इस्तेमाल कर हाथ साफ करें.
ऐसा करने से पशु-पक्षियों की बीमारी इंसानों को नहीं लगती है.
कोई बाहरी व्यक्ति फार्म में आ रहा है तो उसके शूज बाहर ही उतरवाएं या उन्हें सेनेटाइज करें.
बाहरी व्यक्ति के हाथ और कपड़ों को भी सेनेटाइज कराएं.
मुमिकन हो तो पीपीई किट पहनाकर ही फार्म के अंदर ले जाएं.
फार्म पर नए आने वाले पशु-पक्षी को कम से कम 15 दिन के पुराने पशुओं से अलग जगह पर रखें.
मौसम के हिसाब से फार्म का रखरखाव करें, बरसात के मौसम में जब मच्छर-मक्खियों का असर ज्यादा हो.