गर्मी का मौसम अब समाप्ती की ओर है. एक महीने के बाद सर्दी की शुरुआत हो जाएगी. मौसम में अचानक बदलाव आने से इसका असर इंसान के साथ-साथ मवेशियों पर भी पड़ेगा. खास कर भीषण सर्दी पड़ने पर बकरियों का हेल्थ सबसे ज्यादा प्रभावित होता है. इसलिए सर्दी के मौसम शुरू होने से पहले ही बकरियों को बचाने के लिए उसे टीके लगवा दें. इससे बकरियों में फैलने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है.
खास बात यह है कि सर्दी के मौसम में फैलनी वाली बीमारियां बकरियों की लिए काफी खतरनाक होती हैं. इससे उनका दूध उत्पादन प्रभावित होता है. साथ ही उनका वजन भी तेजी से नहीं बढ़ता है. कई बार तो बकरियों की मौत भी हो जाती है. इसलिए सर्दी के मौसम में बकरियों की टीके लगवाने के साथ-साथ उनका रखरखाव भी सही तरह से करना चाहिए. अगर आप बकरियों के टीके नहीं लगवाते हैं, तो उनके मेमने को निमोनिया हो जाता है. इसलिए गर्मी और बरसात की तरह सर्दी के मौसम में भी बकरियों और उनके मेमनों को खास तरह से देखरेख करनी चाहिए.
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एक्सपर्ट के मुताबिक, सर्दी के मौसम में बकरियों के लिए पीपीआर बहुत ही खतरनाक बीमारी है. इस रोग से संक्रमित बकरियों की मौत तक हो जाती है. क्योंकि पीपीआर एक तरह की विषाणु जनित बीमारी है. इसे आम बोलचाल की भाषा में बकरियों का प्लेग भी कहा जाता है. सर्दी शुरू होते ही बकरियों को पीपीआर टीका लगवा दें. बड़ी बात यह है कि यह संक्रमण एक बकरी से दूसरी बकरियों में तेजी से फैलता है. अगर आप पशुपालक हैं और अपनी बकरियों को पीपीआर का टीका नहीं लगवाया है, तो सर्दी शुरू होते ही लगवा लें.
पीपीआर के अलावा चेचक भी बकरियों के लिए जानलेवा रोग है. यह भी सर्दी के मौसम में ही बकरियों के बीच फैलता है. चेचक होने पर बकरियों के शरीर पर चकते से बन जाते हैं. इसलिए भीषण सर्दी शुरू होने से पहले ही चेचक का टीका भी बकरियों को लगवा दें. ऐसे पशु चिकित्सकों का कहना है कि बकरियों के बीमार पड़ने पर उनके लक्षण से रोग के पहचान कर सकते हैं. अगर बकरी को दस्त हो रहे हैं, तो वे प्लेग से ग्रसित हैं. वहीं, निमोनिया होने होने पर उनकी नाक बहने लगती है. साथ ही तेज बुखार भी आता है. इससे उनकी मौत भी हो सकती है. खास बात यह है कि बकरियों से ये बीमारी उनके बच्चों में फैल जाती हैं.
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इसी तरह चेचक होने पर भी निमोनिया हो जाता है, जिसके बाद तेज बुखार आता है. ऐसे में बकरी चारा खाना छोड़ देती है. वहीं, बकरी के बच्चे भी दूध पीना कम कर देते हैं. इसलिए आप बकरियों को प्लेग और चेचक के टीके लगवाते रहें. क्योंकि बकरियों के टीके बहुत ही सस्ते आते हैं. यहां तक सरकारी केन्द्रों पर ये कीटे पशुपालकों को मुफ्त में दिए जाते हैं. अगर समय रहते टीके लगवा देते हैं, तो बकरियों के बीमार पड़ने पर होने वाले खर्च से बच जाएंगे.
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