Sheep Farming: मुजफ्फरनगरी भेड़ पालन में तीन तरह से कैसे होता है मुनाफा, पढ़ें डिटेल 

Sheep Farming: मुजफ्फरनगरी भेड़ पालन में तीन तरह से कैसे होता है मुनाफा, पढ़ें डिटेल 

Sheep Farming for Meat दक्षि‍ण भारत के कई राज्यों में भेड़ का मीट बहत पसंद किया जाता है. इसके अलावा पहाड़ी और ठंडे राज्यों में भी मीट की डिमांड है. इसलिए भेड़ पालन बढ़ता जा रहा है. खास बात ये है कि मीट के लिए पाली जाने वाली भेड़ों को बेचकर कभी भी मुनाफा कमाया जा सकता है. 44 नस्लों के बीच मुजफ्फरनगरी नस्ल की भेड़ 100 किलो वजन तक की हो जाती है. 

Advertisement
Sheep Farming: मुजफ्फरनगरी भेड़ पालन में तीन तरह से कैसे होता है मुनाफा, पढ़ें डिटेल मुजफ्फरनगरी नस्ल की भेड़

Sheep Farming for Meat भेड़ पालन के बारे में यही सोचा जाता है कि भेड़ से सिर्फ ऊन का ही उत्पादन होता है. लेकिन भेड़ के मीट की भी बहुत डिमांड है. पहाड़ी और ठंडे इलाकों में दूध की भी डिमांड है. जबकि कश्मीर में तो भेड़ के मीट की 50 फीसद डिमांड पूरी करने के लिए दूसरे राज्यों से भेड़ खरीदी जाती हैं. केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. गोपाल दास ने किसान तक को बताया कि अगर ऊन की बात भी छोड़ दें तो साल के 12 महीने के अलावा बकरीद के मौके पर भी कुर्बानी के लिए भेड़ की बहुत डिमांड रहती है. और इस मामले में मुजफ्फरनगरी नस्ल की भेड़ बहुत अच्छी मानी जाती है. 

मुजफ्फरनगरी भेड़ पालन में किन बातों का रखें ध्यान 

  • मुजफ्फरनगरी भेड़ का रंग एकदम सफेद होता है. 
  • पूंछ लम्बी होती है और 10 फीसद मामलों में पूंछ जमीन को छूती है. 
  • कान लम्बे होते हैं और नाक देखने में रोमन होती है. 
  • मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मेरठ और उससे लगे इलाकों में पाई जाती है. 
  • मुजफ्फरनगरी भेड़ हार्ड नस्ल की मानी जाती है तो बीमार कम होती है. 
  • मुजफ्फरनगरी नस्ल की भेड़ में मृत्यु दर सिर्फ दो फीसद ही है. 
  • मुजफ्फरनगरी नस्ल की भेड़ के बच्चे चार किलो तक के होते हैं. 
  • भेड़ों की दूसरी नस्ल के बच्चे 3.5 किलो तक के होते हैं. 
  • दूसरी नस्ल की भेड़ों से हर साल 2.5 से तीन किलो ऊन मिलती है. 
  • मुजफ्फरनगरी भेड़ 1.2 किलो से लेकर 1.4 किलो तक ऊन हर साल देती है. 
  • 6 महीने में मुजफ्फरनगरी भेड़ का वजन 26 किलो हो जाता है. 
  • जबकि अन्य नस्ल की भेड़ 22 से 23 किलो वजन तक की हो जाती है. 
  • 12 महीने की मुजफ्फरनगरी का वजन 36 से 37 किलो तक हो जाता है. 
  • जबकि अन्य नस्ल की भेड़ इस उम्र पर 32 से 33 किलो वजन तक हो जाती है. 
  • दूसरी नस्लों की तरह मुजफ्फरनगरी भेड़ भी बकरियों के साथ पाली जा सकती है. 

सबसे ज्यादा मीट उत्पादन करने वाले 5 राज्य

  • तेलंगाना- 3.51 लाख 
  • आंध्रा प्रदेश- 3.93 लाख 
  • कर्नाटक- 1.57 लाख 
  • तमिलनाडू- 66 हजार
  • राजस्थान- 56.75 हजार

नोट- मीट के आंकड़े टन में हैं. 

मीट के लिए कितनी भेड़ काटी जाती हैं 

साल 2023-24 में 8 करोड़ भेड़ मीट के लिए इस्तेमाल की गईं. 
2023-24 में देश में भेड़ के मीट का कुल उत्पादन 11.41 लाख टन था. 

निष्कर्ष- 

आमतौर पर मैदानी इलाकों में बकरियों के साथ भेड़ पालन भी किया जाता है. हालांकि अब भेड़ के ऊन की डिमांड नहीं रही है, लेकिन मीट के लिए खूब पाली जा रही है. खासतौर से ऐसी भेड़ जिनकी ग्रोथ तेजी से होती है और उनका वजन 50-60 किलो से ऊपर चला जाता है. 

ये भी पढ़ें- Breed Production: OPU-IVF से मां बनेंगी सड़क-खेतों में घूमने वाली छुट्टा गाय, हर गाय आएगी काम 

ये भी पढ़ें- Egg Production: पोल्ट्री फार्म में कैसे बढ़ेगा अंडा उत्पादन, पढ़ें पोल्ट्री एक्सपर्ट के 10 टिप्स

POST A COMMENT