LULU Group: टिकाऊ मछली पालन में मछुआरों की मदद करेगा लुलु ग्रुप, जानें क्या है प्लान 

LULU Group: टिकाऊ मछली पालन में मछुआरों की मदद करेगा लुलु ग्रुप, जानें क्या है प्लान 

खेती और मछली पालन को टिकाऊ बनाने के लिए जाने-माने लुलु ग्रुप ने एक नई पहल शुरू की है. इसके तहत किसानों और मछली पालकों को खेती और मछली पालन में मदद करते हुए उन्हें टिकाऊ मछली पालन करने के लिए मजबूत बनाया जा रहा है. 

Advertisement
LULU Group: टिकाऊ मछली पालन में मछुआरों की मदद करेगा लुलु ग्रुप, जानें क्या है प्लान गर्मी में मछलियों को क्या खिलाएं

उत्पादन, खरीद और पैंकिंग लुलु ग्रुप की एक पहचान है. कई बार लुलु ग्रुप के मालिक खुद इन तीन चीजों को लेकर चर्चा कर चुके हैं. उनका कहना है कि हम इन तीन चीजों पर ज्यादा जोर इसलिए देते हैं, क्योंकि हम चाहते हैं कि लम्बी दूरी के ट्रांसपोर्टेशन में कोई भी आइटम खराब न हो और हमारे ग्राहकों के हाथों में फ्रेश आइटम ही पहुंचे. इसी के चलते मछली पालन को टिकाऊ बनाने के लिए लुलु ग्रुप एक नई पहल शुरू कर रहा है. 

लुलु ग्रुप में वैश्विक परिचालन के निदेशक सलीम एमए ने इस परियोजना की शुरुआत करते हुए मछली के पांच हजार फिंगर साइज बीज को पानी में छोड़ा है. इसका मकसद मछली पालन को एकीकृत और टिकाऊ बनाना है. निदेशक सलीम का कहना है कि ग्रुप की ये पहल कृषि क्षेत्र और स्थानीय अर्थव्यवस्था का समर्थन करने में कंपनी के लिए एक नया अध्याय साबित होगा. 

ग्रुप ने केले, नारियल, प्याज के बोय बीज

निदेशक सलीम का कहना है कि लुलु ग्रुप अपने फेयर एक्सपोर्ट्स डिवीजन के माध्यम से खरीद, उत्पादन, पैकिंग समेत यह सुनिश्चित करने में ज्यादा सावधानी बरतता है कि प्रोडक्ट अपने हाइपर मार्केट के माध्यम से दुनिया भर के उपभोक्ताओं तक पहुंचे. इसके लिए लुलु ग्रुप ने तमिलनाडु के पोलाची में स्थानीय किसानों को समर्थन देने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों की मदद से कृषि उत्पादन की शुरुआत की है. इस परियोजना का मकसद टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना है. साथ ही स्थानीय किसानों को उनकी कृषि पद्धतियों को बढ़ाने के लिए आवश्यक संसाधन और विशेषज्ञता प्रदान करके उन्हें मजबूत बनाना है.

इसके लिए लुलु ग्रुप ने वैश्विक कृषि उत्पादन पहल के लिए बीज रोपण शुरू किया है. इसके तहत गणपति पलायम में 160 एकड़ बीज रोपण किया जाएगा. हालांकि शुरुआती चरण में 50 एकड़ में खेती शुरू हो गई है. खेती में केले, नारियल, सहजन, प्याज और चिचिंडा जैसे कृषि उत्पादों की खेती उच्चतम वैश्विक गुणवत्ता मानकों को पूरा करते हुए की जा रही है. इन्हें वैश्विक स्तर पर लुलु स्टोर्स को निर्यात करने के लिए सोर्स किया जाता है.

ये भी पढ़ें- Dairy: विदु ने 50 गाय पालकर दूध से कमाए 49 लाख और गोबर से 44 लाख, जानें कैसे 

ये भी पढ़ें- Goat Farm: देश के सबसे बड़े बकरी फार्म का हुआ उद्घाटन, मंत्री बोले पीएम का सपना हो रहा सच

 

POST A COMMENT