बरसात में मुर्गियों की इस तरह करें देखभाल, तेजी से बढ़ेगा वजन और कमाई

बरसात में मुर्गियों की इस तरह करें देखभाल, तेजी से बढ़ेगा वजन और कमाई

बरसात के मौसम में पोल्ट्री फार्मिंग करने वाले किसानों को सावधानी बरतनी चाहिए. इसके लिए साफ-सफाई, सूखा चारा, कीट नियंत्रण और टीकाकरण से मुर्गियों को बीमारियों से बचाया जा सकता है. सही देखभाल से उत्पादन बढ़ता है और आर्थिक नुकसान से बचा जा सकता है. आइए जानते हैं कैसे.

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बरसात में मुर्गियों की इस तरह करें देखभाल, तेजी से बढ़ेगा वजन और कमाईमुर्गियों की इस तरह करें देखभाल

बरसात का मौसम किसानों के लिए जहां फायदेमंद होता है, वहीं, पशुपालन के लिहाज से यह काफी चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि मौसम में बदलाव का सीधा असर पशुओं पर पड़ता है. इस मौसम में बढ़ी हुई नमी और गंदगी की वजह से मुर्गियों में कई बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. खासकर छोटे किसान और घरेलू पोल्ट्री पालक अगर थोड़ी सी लापरवाही करें तो उत्पादन में गिरावट और आर्थिक नुकसान हो सकता है. ऐसे में पशुपालकों और किसानों के लिए जरूरी है कि बरसात में मुर्गियों की विशेष देखभाल करें, ताकि तेजी से वजन बढ़े और बंपर कमाई हो. ऐसे में आज हम आपको कुछ आसान और असरदार तरीके बताएंगे जिनकी मदद से आप अपने मुर्गियों को स्वस्थ और फार्म को सुरक्षित रख सकते हैं.

साफ-सफाई का रखें ध्यान

बरसात के मौसम में नमी बढ़ने से बैक्टीरिया और फंगल वाली बीमारियां तेजी से पनपते हैं. इससे मुर्गियों के बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है. ऐसे में मुर्गियों के बाड़े को रोजाना साफ करें, जहां तक हो सके, फर्श को सूखा रखें और कीचड़ या गंदगी जमा न होने दें. इसके अलावा बारिश में रोज डिसइन्फेक्टेंट का छिड़काव करें ताकि संक्रमण न फैले. दरअसल, साफ और सूखा वातावरण मुर्गियों के स्वास्थ्य और अंडा उत्पादन दोनों के लिए बेहद जरूरी होता है.

चारे को नमी से कैसे बचाएं

बरसात में हवा में नमी ज्यादा होती है, जिससे मुर्गियों के चारे में सीलन आ सकती है. वहीं, बारिश के मौसम में गीला चारा जल्दी खराब हो जाता है और उसमें फंगस लगने की संभावना भी बढ़ जाती है. ऐसे चारे को खाने से मुर्गियों को डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए चारे को हमेशा सूखे और हवादार स्थान पर रखें. इसके अलावा प्लास्टिक कंटेनर या एयरटाइट डिब्बों का इस्तेमाल करें ताकि नमी अंदर न जा सके, क्योंकि एक बार खराब हुआ चारा न केवल मुर्गियों की सेहत बिगाड़ सकता है, बल्कि उत्पादन पर भी बुरा असर डाल सकता है.

टीकाकरण का भी रखें ध्यान

बरसात में तापमान गिरता है और वातावरण ठंडा और नम हो जाता है, जो मुर्गियों के लिए हानिकारक है. ऐसे में उन्हें किसी गर्म और सूखे स्थान में रखें. अगर जरूरी हो तो बाड़े में बल्ब या हिटर से हल्की गर्मी दी जा सकती है. इसके अलावा ये भी ध्यान दें कि बरसात के मौसम में मुर्गियों का नियमित टीकाकरण जरूर करवाएं, क्योंकि बरसात में मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. टीकाकरण से मुर्गियां मजबूत बनती हैं और उत्पादन पर भी सकारात्मक असर पड़ता है.

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