पशु और मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत जिला सभागार, पश्चिम चम्पारण (बेतिया) में एक दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य विभागीय योजनाओं के अंतर्गत निर्मित और निर्माणाधीन आधारभूत संरचनाओं का उद्घाटन/शिलान्यास और लाभुकों के बीच राहत सामग्री और आर्थिक सहायता का वितरण करना था.
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने की. मुख्य अतिथि के रूप में रेणु देवी, पशु और मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार उपस्थित रहीं. साथ ही डॉ. संजय जायसवाल, सांसद, बेतिया और नारायण प्रसाद, विधायक, नौतन भी कार्यक्रम में मौजूद रहे.
कार्यक्रम के दौरान हरिवाटिका स्थित मत्स्य बीज प्रक्षेत्र पर खुदरा मत्स्य बिक्री बाजार का उद्घाटन माननीया मंत्री रेणु देवी द्वारा किया गया. इस बाजार के माध्यम से जिले में आमजन को स्वच्छ और ताज़ी मछलियाँ उपलब्ध कराई जाएंगी.
कॉम्फेड के तिरहुत दुग्ध संघ के तहत 10 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 1 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले दुग्ध प्रसंस्करण यूनिट का शिलान्यास भी इस अवसर पर किया गया. यह यूनिट पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और आसपास के जिलों के 25,000 दुग्ध उत्पादक किसानों को सीधा लाभ पहुंचाएगा. साथ ही 300 प्रत्यक्ष और 1,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी इससे पैदा होंगे.
अनुमंडलीय पशु चिकित्सालय, बेतिया और जिलास्तरीय प्रशिक्षण एवं संसाधन केन्द्र का भी शिलान्यास किया गया. इन संस्थानों से पशुपालकों को बेहतर चिकित्सा एवं प्रशिक्षण सुविधाएं मिलेंगी.
इस कार्यक्रम में मत्स्य प्रभाग के 355 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मुख्यमंत्री मछुआरा कल्याण योजना, राज्य योजना के तहत अनुदान राशि, तालाब निर्माण, विपणन किट, साईकिल-सह-आइस बॉक्स और डमी चेक का वितरण किया गया. कुल 121.43 लाख रुपये की राशि वितरित की गई.
साथ ही पशुपालन विभाग के तहत 230 शुकर एवं बकरी पालकों को स्वीकृति आदेश और 10 गव्य विकास योजनाओं के लाभार्थियों को डमी चेक वितरित किए गए.
रेणु देवी ने बताया कि वर्ष 2024-25 में बिहार का मत्स्य उत्पादन 9.59 लाख मीट्रिक टन हुआ, जिसमें से 38.50 हजार मीट्रिक टन पश्चिम चंपारण (बेतिया) से था. राज्य से लगभग 39.07 हजार टन मछली देश के प्रमुख शहरों को भेजी जा रही है, जिसमें से 6.30 हजार मीट्रिक टन का योगदान पश्चिम चंपारण से है. बिहार देश में मीठे पानी की मछली उत्पादन में चौथे स्थान पर है. डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य में मत्स्य कारोबार 25 हजार करोड़ का है और इसे 1 लाख करोड़ तक पहुंचाने की संभावना है.
कार्यक्रम में विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की प्रदर्शनी भी लगाई गई थी. साथ ही कृषकों के साथ संवाद कर उनकी समस्याओं और सुझावों पर चर्चा की गई.
कार्यक्रम का शुभारंभ अभिषेक रंजन, निदेशक मत्स्य - सह - प्रबंध निदेशक कॉम्फेड के स्वागत भाषण से हुआ. उज्ज्वल कुमार सिंह, निदेशक पशुपालन ने भी कृषकों को संबोधित किया. समापन समारोह के दौरान साईकिल-सह-आईस बॉक्स का फ्लैग ऑफ कार्यक्रम भी आयोजित किया गया.
मंच संचालन डी.आर.डी.ए. निदेशक पुरूषोत्तम त्रिवेदी द्वारा किया गया. इस अवसर पर कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी जैसे कि केदारनाथ सिंह, डॉ. सुनील ठाकुर, बिनोद कुमार, पियुष रंजन आदि उपस्थित रहे. यह कार्यक्रम पश्चिम चंपारण जिले के कृषकों, मछुआरों और दुग्ध उत्पादकों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा. विभाग द्वारा किए गए प्रयास राज्य के मत्स्य एवं पशुपालन क्षेत्र को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में सहायक होंगे.
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