Lumpy Disease: लंपी बीमारी को फैलने से कैसे रोका जा सकता है, ये हैं दो तरीके 

Lumpy Disease: लंपी बीमारी को फैलने से कैसे रोका जा सकता है, ये हैं दो तरीके 

Control Lumpy Disease लंपी बीमारी सिर्फ एक बीमारी नहीं जानलेवा बीमारी है. बीते सालों में हुए केस में हम देख चुके हैं कि कैसे लंपी के चलते गायों की बड़ी संख्या में मौत हुई थी. गायों ने तड़फ-तड़फ कर दम तोड़ा था. लंपी के चलते शरीर पर गांठें हो जाती हैं, और फिर इन्हीं गांठ में मवाद हो जाता है जिसके चलते गायों को तेज दर्द का सामना करना पड़ता है. 

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Control Lumpy Disease लंपी बीमारी बरसात के दिनों में तेजी से फैलती है. ये खासतौर पर गायों को अपनी चपेट में लेती है. ऐसी गाय जो कमजोर होती हैं उन्हें ये जल्दी शि‍कार बनाती है. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक को बताया कि बीमारी पीडि़त पशु की ठीक तरह से देखभाल करने से और मृत पशु के शव का सही तरीके से निपटान करके लंपी बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है. इसके साथ ही न सिर्फ बरसात के दिनों में बल्किो साल के 12 महीने एनिमल शेड में बायो सिक्योरिटी का पालन करके भी लंपी बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है.  

लंपी पीडि़त पशु के शव को कैसे निपटाएं? 

  • लंपी बीमारी से मरे पशु के शव को खुले में फेंक देने से बीमारी तेजी से फैलती है. 
  • पशु की मौत हो जाने पर उसे जल्द से जल्द 1.5 मीटर गहरे गड्ढे में चूना-नमक डालकर दफना दें.
  • कभी भी मृत पशु को आबादी, एनिमल शेड और जलाशय के आसपास न दफनाएं. 
  • पशु को दफनाने के लिए ले जाते वक्त उसे अच्छी तरह से ढक दें.
  • मृत पशु के शव को ढोने वाले वाहन को सोडियम हाईपोक्लोराईट के घोल से धो लें. 
  • मृत पशु के चारे-दाने और उसके सामने रखे पीने के पानी को भी कहीं दूर दफना दें. 
  • जिस शेड में पशु की मौत हुई है उसे सोडियम हाईपोक्लोराईट या दूसरे जरूरी रसायन से धो दें. 
  • जिस खास जगह पशु की मौत हुई है वहां सूखी घास या लकड़ी का बुरादा रखकर जला दें. 

लंपी बीमारी से पशुओं को कैसे बचाएं? 

  • बीमारी होने से पहले पशु को गोट पॉक्स वैक्सीन लगवा लें. 
  • लंपी संक्रमित ग्राम के पांच किमी क्षेत्र से पशु लाने पर उनका रिंग वैक्सीनेशन जरूर कराएं. 
  • चार महीने से बड़ी सभी हेल्दी गोजातीय पशुओं का वैक्सीनेशन जरूर कराएं. 
  • लंपी का वैक्सीनेशन हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही कराएं. 
  • वैक्सीन लगने के 14 से 21 दिन में बीमारी के खि‍लाफ इम्यूनिटी तैयार होती है. 
  • वैक्सीन लगवाने के फौरन बाद पशु का लापरवाह तरीके से न छोड़ें. 
  • लंपी पीडि़‍त पशु का वैक्सीनेशन नहीं कराना चाहिए. 
  • लंपी पीडि़त पशु के संपर्क में आने वाले पशुओं का भी वैक्सीनेशन नहीं कराना चाहिए. 
  • पींडि़त पशु और उसके संपर्क में आए पशुओं का वैक्सीनेशन कराने पर बीमारी तेजी से फैल सकती है.

निष्कर्ष-

लंपी बीमारी का अभी तक कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है. इलाज के नाम पर सिर्फ वैक्सीन ही है. इसके अलावा पशु की देखभाल करके और बायो सिक्योरिटी अपनाकर पशुओं को लंपी बीमारी से बचाया जा सकता है. साथ ही जब आसपास लंपी बीमारी फैले तो ऐसे में अपने पशुओं को खुला न छोड़ें और बाहरी पशुओं को अपने बाड़े में न आने दें. 

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