Buffalo Care: क्या करें कि बच्चा देने से पहले और बाद में न हो गाय-भैंस को परेशानी, पढ़ें डिटेल 

Buffalo Care: क्या करें कि बच्चा देने से पहले और बाद में न हो गाय-भैंस को परेशानी, पढ़ें डिटेल 

Buffalo Care in Pregnancy भैंस का गर्भकाल 310 से 315 दिन तक का होता है. गर्भकाल का हर एक दिन बहुत खास होता है, लेकिन आखि‍र के 90 दिन गर्भवती भैंस के लिए बहुत ज्यादा खास बताए जाते हैं. गर्भकाल के दौरान भैंस की अच्छी तरह से देखभाल की जाए तो बच्चा हेल्दी होगा और भैंस भी स्वच्छ रहेगी. 

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Buffalo Care: क्या करें कि बच्चा देने से पहले और बाद में न हो गाय-भैंस को परेशानी, पढ़ें डिटेल भैंस खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान

Buffalo Care in Pregnancy गाभि‍न होने के बाद से ही गाय-भैंस को कोई न कोई परेशानी शुरु हो जाती है. बच्चा देने के बाद तो प्रसूति ज्वर जानलेवा बन जाता है. केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार के रिटायर्ड प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. सज्जन सिंह ने किसान तक को बताया कि गर्भकाल में आखिर के तीन महीने आठवां, नौंवा और 10वें में बहुत ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है. खासतौर से बच्चा देने के बाद के 15 से 20 दिन तो और भी ज्यादा खास होते हैं. इस दौरान भैंस के खानपान का खास ख्याल रखना होता है. शेड भी गर्भवती भैंस के हिसाब से ही तैयार करना होता है.  

खानपान में कमी से क्या होते हैं नुकसान? 

  • खानपान की कमी से बच्चा कमजोर और अंधा पैदा हो सकता है. 
  • बच्चा देने के बाद भैंस को मिल्क फीवर हो सकता है.
  • भैंस फूल दिखा सकती है और जेर रूक सकती है.
  • भैंस की बच्चेदानी में मवाद पड़ सकता है. 
  • बच्चा देने के बाद दूध उत्पादन घट सकता है.

गर्भवती भैंस के शेड में क्या इंतजाम करने चाहिए? 

  • आठवें महीने के बाद से भैंस को दूसरे पशुओं से अलग रखना चाहिए. 
  • भैंस का बाड़ा उबड़-खाबड़ तथा फिसलन वाला नहीं होना चाहिए.
  • बाड़ा हवादार और भैंस को सर्दी, गर्मी और बरसात से बचाने वाला हो.
  • बाड़े में रेत-मिट्टी का कच्चा फर्श हो और सीलन न हो.  
  • ताजा पीने के पानी का इंतजाम होना चाहिए.

गर्भकाल में 90 दिन की देखभाल के क्या हैं फायदे? 

  • भैंस तंदुरुस्त रहेगी और दूध भी खूब देगी. 
  • जन्म के फौरन बाद बच्चे को भैंस के सामने रखा जाता है. 
  • बच्चा सामने हो तो भैंस उसे चाटकर साफ करती है. 
  • बच्चे को चाटने से बच्चे की त्वचा जल्दी सूख जाती है.
  • भैंस बच्चे को चाटती है तो इससे बच्चे का तापमान नहीं गिरता है. 
  • चाटने से बच्चे का शरीर साफ हो जाता है खून दौड़ने लगता है. 
  • चाटने से भैंस और बच्चे के बीच दुलार बढ़ता है.
  • बच्चे को चाटने से भैंस को सॉल्ट और प्रोटीन मिलता है. 
  • भैंस अगर बच्चे को नहीं चाटे तो उसे साफ तौलिए से रगड़ कर साफ कर दें.

निष्कर्ष- 

बफैलो एक्सपर्ट की मानें तो बच्चा देने वाली और दूध देना शुरू करने वाली भैंसों के लिए स्पेशल खुराक की जरूरत होती है. अगर सिर्फ खुराक में ही कमी रह जाए तो बछड़े के साथ-साथ भैंस पर भी इसका बड़ा असर पड़ता है. 

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