Fishing Trawler: इस योजना से अब बीच समुद्र में रहकर मछली बेच सकेंगे मछुआरे, पढ़ें डिटेल

Fishing Trawler: इस योजना से अब बीच समुद्र में रहकर मछली बेच सकेंगे मछुआरे, पढ़ें डिटेल

Fishing Trawler Scheme मछुआरों की इनकम बढ़ाने के लिए केन्द्र सरकार ने गहरे समुद्र में मछली पकड़ने वाली ट्रॉलर देने की योजना शुरू की है. मत्स्य कोऑपरटिव को ये ट्रॉलर दिए जा रहे हैं. मछुआरों को इसके कई फायदे मिलेंगे. साथ ही मछली पकड़ने वाले ट्रॉलर पर नौकरी कर मुनाफे के हिस्सेदार बन सकेंगे.

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Fishing Trawler: इस योजना से अब बीच समुद्र में रहकर मछली बेच सकेंगे मछुआरे, पढ़ें डिटेलमछुआरों को ट्रॉलर की चाबी सौंपते केन्द्रीय मंत्री अमित शाह.

Fishing Trawler Scheme बीच समुद्र में जाकर मछली पकड़ने वाले मछुआरों को केन्द्र सरकार ने एक बड़ी सौगात दी है. इस योजना के चलते मछुआरों के लिए मछली पकड़ना और फिर उसे बेचना बेहद आसान हो जाएगा. बीच समुद्र में जाकर मछली पकड़कर उसे बेचने के लिए मछुआरों को अब किनारे पर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. समुद्र में रहते हुए भी वो अपनी मछली बेच सकेंगे. इसी के चलते मछुआरों को बीच समुद्र में मदद करने वाले ट्रॉलर  दिए जा रहे हैं. साथ ही इन ट्रॉलर पर मछली पकड़ने वाले मछुआरों की मदद के लिए समुद्र में एक बड़ा जहाज भी मौजूद रहेगा. ये ट्रॉलर से मछली जमा कर किनारे पर लाकर सप्लाई दे देगा. 

इसका फायदा ये होगा कि फ्रेश मछली किनारे पर आ जाएगी और मछुआरों का ट्रांसपोर्ट भी बचेगा. उन्हें बार-बार बीच समुद्र में नहीं जाना पड़ेगा. साथ ही मछुआरों की इनकम बढ़ जाएगी. नौकरी करने वाला भी सैलरी की जगह मुनाफे का हकदार बनेगा. एक खास कार्यक्रम के दौरान मुम्बई के मझगांव डॉक पर केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने ऐसे दो ट्रॉलर की चाबी मछुआरों को सौंपी है. कॉपरेटिव बनाकर ट्रॉलर का संचालन किया जाएगा. 

अभी 14 ट्रॉलर और दिए जाएंगे मछुआरों को 

इस मौके पर अमित शाह का कहना है कि मोदी सरकार 'आत्मनिर्भर भारत' के दृष्टिकोण को साकार करने और ब्लू इकोनॉमी को मजबूत कर सहकारिता क्षेत्र की क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए पूरी कोशि‍श कर रही है. आज जिन दो ट्रॉलर का लोकार्पण हुआ है उससे आने वाले दिनों में न केवल भारत की मत्स्य संपदा संभावनाओं का दोहन करने की क्षमता बढ़ेगी बल्कि सहकारिता के माध्यम से मत्स्य उघोग का मुनाफा मेहनत करने वाले गरीब मछुआरों के घर तक पहुंचेगा. अभी ट्रॉलर पर मछली पकड़ने का कार्य करने वाला व्यक्ति तन्खवाह पर काम करता है लेकिन अब कॉपरेटिव बेसिस पर ट्रॉलर से मछली पकड़ने से होने वाला पूरा मुनाफा पर हर मछली पकड़ने वाले के घर में पहुंचेगा. अभी तो इस तरह के 14 ट्रॉलर दिए जाऐंगे. केन्द्र सरकार, सहकारिता मंत्रालय और मत्स्य विभाग आने वाले समय में और भी ट्रॉलर मछली पकड़ने वाले मछुआरों को कॉपरेटिव बेसिस पर देंगे. 

25 दिन तक गहरे समुद्र में रह सकेंगे ट्रॉलर

अमित शाह ने जानकारी देते हुए बताया कि ये ट्रॉलर 25 दिन तक गहरे समुंद्र में रह सकेगा. साथ ही 20 टन तक मच्छलियां ढो सकेगा. इनके बीच में कुछ बड़े जहाज भी रहेंगे जो कोऑर्डिनेशन का काम करेंगे और बीच समुद्र से मछली उठा कर किनारे तक ले जाएंगे. उन्होंने बताया कि ट्रॉलर के अंदर रहने और खाने-पीने की अच्छी सुविधा की गई है. और मत्स्य पालन में भी सहकारिता हमारे सभी भाई-बहनों के जीवन का आधार बने इस दिशा में हम आगे बढ़ रहे है. उन्होंने बताया कि बाद में प्रोसेसिंग, एक्सपोर्ट और कलेक्शन करने वाले बड़े जहाज की भी योजना है. उन्होंने कहा प्रोसेसिंग भी वो करेंगे, चिलींग सेंटर उनके होंगे और एक्सपोर्ट भी हमारी मल्टीस्टेट एक्सपोर्ट कॉपरेटिव के माध्यम से होगा.

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