Animal Husbandry Technology: ये दो टेक्नोलॉजी पशुपालन-डेयरी को दे रही हैं रफ्तार, आप भी ऐसे उठा सकते हैं फायदा Animal Husbandry Technology: ये दो टेक्नोलॉजी पशुपालन-डेयरी को दे रही हैं रफ्तार, आप भी ऐसे उठा सकते हैं फायदा
Animal Husbandry Technology आज पशुपालन और डेयरी में सेंसर-आधारित चारा और जल प्रबंधन प्रणालियां, टीका उत्पादन टेक्नि़क और एनिमल वेस्ट मैनेजमेंट के लिए बायोडाइजेशन और खाद बनाने जैसी तकनीक बहुत जरूरी है. केन्द्र सरकार डेयरी और पशुपालन में नई-नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रही है.
डेयरी फार्म में बंधी गायनासिर हुसैन - Delhi,
- Oct 27, 2025,
- Updated Oct 27, 2025, 2:52 PM IST
गाय-भैंस, भेड़-बकरी हो या ऊंट और घोड़ा पालन, सिर्फ सुबह-शाम चारा देना और दिनभर में तीन-चार बार पानी पिलाना, अब पशुपालन का मतलब सिर्फ यही नहीं रह गया है. ऐसा भी नहीं है कि पशुपालन में टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. पशुओं को चारा और सुबह-शाम दूध निकालना ही अब पशुपालन का मतलब नहीं रह गया है. पशुपालन में अब टेक्नोलॉजी का दखल बढ़ गया है. सिर्फ हरा पौष्टिक चारा खिलाकर ही पशुओं से ज्यादा फैट वाला भरपूर दूध नहीं लिया जा सकता है. इसके लिए जरूरत है कि पशुओं की नस्ल सुधार पर भी जोर दिया जाए.
ज्यादा और अच्छा दूध देने वाले पशुओं को चिन्हियत करने की जरूरत है. इसके लिए पशुपालन और डेयरी विभाग पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (AHIDF) के तहत नई-नई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दे रहा है. इतना ही नहीं डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट में आटोमेशन तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. डेयरी में मार्केटिंग और प्रोसेसिंग से जुड़ी टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है. इसके लिए सरकार कई बड़ी योजनाओं पर करोड़ों रुपये का बजट भी दे रही है. और ये सब राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत चल रहा है.
सेक्स सॉर्टेट सीमन से सुधर रही पशुओं की नस्ल
- सेक्स सॉर्टेट सीमन के इस्तेमाल को बढ़ाया जा रहा है.
- पांच सरकारी वीर्य केंद्रों पर सेक्स सॉर्टेट सीमन सर्विस दी जा रही है.
- अब तक देश में 125 लाख सेक्स सॉर्टेट सीमन स्ट्रॉ का उत्पादन हो चुका है.
- निजी वीर्य केंद्रों से उत्पादित वीर्य डोज भी इस टारगेट में शामिल हैं.
- सेक्स सॉर्टेट सीमन पर पशुपालकों को 50 फीसद की छूट दी जाती है.
- सेक्स सॉर्टेट सीमन को स्वदेशी और किफायती बनाया गया है.
- अक्टूबर 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने इसे लॉन्च किया था.
- देशभर में हर छोटे-बड़े आठ करोड़ पशुपालकों को इसका फायदा मिलेगा.
- इस तकनीक से 90 फीसद केस में बछिया ही पैदा होती है.
IVF टेक्नोलॉजी का ऐसे फायदा उठा सकते हैं
- देशभर में 23 गोजातीय आईवीएफ लैब चालू की गई हैं.
- अब तक 26987 भ्रूणों का प्रजनन किया जा चुका है.
- 14993 भ्रूण गायों में ट्रांसफर किए जा चुके हैं.
- आईवीएफ तकनीक की मदद से 2361 बछड़ों का जन्म हो चुका है.
- आईवीएफ तकनीक किसानों के घर तक पहुंचाई जा रही है.
- एक सफल आईवीएफ केस पर पशुपालकों को पांच हजार रुपये दिए जाते हैं.
- देश में पहली बार राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत गोजातीय आईवीएफ तकनीक शुरू की गई है.
- एनडीडीबी और पशुपालन विभाग ने सितंबर 2024 को आईवीएफ लॉन्च किया था.
- पशुधन, डेयरी और पशुपालन क्षेत्रों में मौजूदा और उभरते स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया जा रहा है.
- स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2023 हैदराबाद में कॉन्क्लेव आयोजित किया गया था.
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