बनास डेयरी के चेयरमैन शंकर चौधरी का स्वागत करते हुए.Banas Dairy Chairman बनास डेयरी एशिया की सबसे बडी डेयरी मानी जाती है. जिसे मिल्क कॉपरेटिव संचालित करती है. इसी डेयरी में चेयरमैन पद पर शंकर चौधरी ने लगतार तीसरी बार जीत दर्ज की है. खास बात ये है कि शंकर चौधरी तीसरी बार भी निर्विरोध चुने गए हैं. डेयरी सेक्टर में इसे कॉपी पॉवर फुल पद माना जाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक बनास डेयरी का सालाना टर्न ओवर 20 हजार करोड से ज्यादा का है. बनास डेयरी के निदेशक मंडल ने उपाध्यक्ष पद के लिए भावाभाई रबारी को चुना है. शंकर चौधरी और भावाभाई रबारी आने वाले ढाई साल तक अपने पदों पर रहेंगे.
इस चुनाव की खास बात ये है कि बनास डेयरी के निदेशक मंडल के इस चुनाव में 16 में से 15 सीटों पर निर्विरोध चुनाव हुआ है. वहीं दांता सीट के लिए पांच नामांकन पत्र आए थे. इसमे से दो उम्मीदवारों ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली थी, जबकि तीन उम्मीदवार मैदान में रह गए थे. शंकर चौधरी का कहना है कि बनास डेयरी के लाखों पशुपालकों के सहयोग से ही आज डेयरी ने विकास की मंजिल को छुआ है. हमारी कोशिश होगी कि पशुपालकों को और ज्यादा मुनाफा मिले. वहीं बनास डेयरी को वर्ल्ड लेवल पर आगे ले जाना हमारा लक्ष्य है.
बनाए डेयरी से जुड़े जानकारों के मुताबिक बनास डेयरी का कार्यक्षेत्र गुजरात समेत आठ राज्यों में फैला हुआ है. बनास डेयरी की वजह से बनासकांठा की महिलाएं आत्मनिर्भर बनी हैं. बनास डेयरी से तीन लाख 76 हजार सदस्य जुड़े हुए हैं. बनास डेयरी का सालाना टर्नओवर 20 हजार करोड़ से ज्यादा का है. पशुपालकों के खातों में हर दिन 35 करोड़ रुपये जमा होते हैं. डेयरी ने श्वेत क्रांति की तरह स्वीट क्रांति पर काम करके 350 टन शहद का उत्पादन किया गया है. बनास डेयरी के पशुपालकों ने देश का पहला मेडिकल कॉलेज भी बनवाया है.
शंकर चौधरी गुजरात भाजपा में बडे ओबीसी नेता हैं. पांच बार से भाजपा की टिकट पर विधायक हैं. बनासकांठा जिले पर उनकी काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है. बनासकांठा के अलावा उत्तर गुजरात के बडे नेता रहे हैं. साल 1998 में 28 साल की उम्र में पहली बार विधायक बने थे उसके बाद सिर्फ साल 2017 का चुनाव हारे थे. मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की सरकार में राज्य मंत्री भी रह चुके हैं. भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही प्रदेश भाजपा के महामंत्री भी रह चुके हैं शंकर चौधरी.
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