इस खास तरीके से मछलियों को दें भोजन, कुछ ही दिनों में बढ़ जाएगा वजन

इस खास तरीके से मछलियों को दें भोजन, कुछ ही दिनों में बढ़ जाएगा वजन

मछली पालन के लिए सबसे पहले तालाब का निर्माण किया जाता है. इसलिए तालाब बनवाते समय उसकी गहराई कम से कम 8 से 10 फीट रखें, ताकि लंबे समय से तक पानी को स्टोर किया जा सके. अगर बड़े स्तर पर मछली पालन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो एक हेक्टेयर में तालाब का निर्माण करवाएं.

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इस खास तरीके से मछलियों को दें भोजन, कुछ ही दिनों में बढ़ जाएगा वजनमछली पालन के फायदे. (सांकेतिक फोटो)

भारत में किसान खेती के साथ-साथ बड़े स्तर पर मछली पालन भी करते हैं. इससे किसानों की अच्छी आमदनी हो जाती है. वहीं, केंद्र सरकार के साथ- साथ अलग- अलग राज्य सरकारों द्वारा भी मछली पालन का बढ़ावा दिया जा रहा है. सरकार किसानों को मछली पालन के लिए 70 से लेकर 75 प्रतिशत तक सब्सिडी देती है. लेकिन सवाल उठता है, जब तक किसानों के पास मछली पालन से जुड़ी जरूरी जानकारी नहीं होंगी, वे सब्सिडी की राशि का भी सही तरह से उपयोग नहीं कर पाएंगे. उन्हें मछली पालन में आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. इसलिए आज हम मछली पालकों को कुछ ऐसे टिप्स बताएंगे, जिससे वे मछली का वजन कम समय में बढ़ाकर बंपर कमाई कर सकते हैं.

मछली पालन के लिए सबसे पहले तालाब का निर्माण किया जाता है. इसलिए तालाब बनवाते समय उसकी गहराई कम से कम 8 से 10 फीट रखें, ताकि लंबे समय से तक पानी को स्टोर किया जा सके. अगर बड़े स्तर पर मछली पालन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो एक हेक्टेयर में तालाब का निर्माण करवाएं. इसकी गहराई भी मिनिमम 2 मीटर रखनी होगी. अगर तालाब आयताकार होगा तो और अच्छा होगा. अगर आप पुराने तालाब में मछली पालन शुरू करने जा रहे हैं, तो सावधानी बरतने की जरूरत है. क्योंकि पुराने तालाब में पहले से कई परभक्षी मछलियां मौजूद होती हैं. इसलिए इन परभक्षी मछलियों और खरपतवारों का नियंत्रण करना जरूरी है. न तो ये पालतू मछली के बीज को खा जाएंगे.

ब्लीचिंग पाउडर का करें इस्तेमाल

दरअसल, परभक्षी मछलियां स्वभाव से मंसाहारी होती हैं. इन की प्रजनन क्षमता भी अधिक होती है. इसलिए ये पालतू मछलियों को तबाह कर देती हैं. ऐसे में मछली पालन शुरू करने से पहले उनका उन्मोलन जरूरी है. आप महुआ खली, डेरिस जड़ के चूरा का तालाब में छिड़काव कर सकते हैं. इससे परभक्षी मछलियां तालाब से समाप्त हो जाएंगी. इसके अलावा आप एलड्रीन 0.2पीपीएम और ब्लीचिंग पाउडर 300 से 350 किलो का भी इस्तेमाल तालाब में खरपतवार और परभक्षी को नियंत्रित करने के लिए कर सकते हैं.

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10 से 15 टन गोबर डालें

वहीं, मछलियों का उत्पादन और वजन बढ़ाने के लिए तालाब में समय- समय पर खाद भी डालना चाहिए. आप मछली के बीज डालने से एक हफ्ते पहले गोबर या मुर्गी की बीट तालाब में डाल सकते हैं. साल भर में 10 से 15 टन गोबर या 6 टन मुर्गी की बीट का घोल बनाकर तालाब में छिड़काव कर सकते हैं. अगर आप चाहें, तो हर महीने भी घोल का छिड़काव कर सकते हैं. यह मछलियों के लिए खाद का काम करता है. 

इस तरह दें मछलियों को भोजन

मछलियों के शारीरिक भार के अनुसार ही रोज भोजन दें. खास बात यह है कि भोजन देने के लिए 20 से 52 मछलियों का कुल भार निकालकर पूरी मछलियों की संख्या से गुणा कर दें. वहीं, आप ग्रास कॉर्प भी मछलियों को खाने में दे सकते हैं. इसके अलावा धान का कोड़ या मूंगफली की खली भी खाने में दिए जा सकते हैं. दरअसल, मछलियों की अधिक तेजी से बृद्धि के लिए 30 से 35 प्रोटीन युक्त आहार की जरूरत होती है, जिसकी पूर्ति धान के कुंडे या खली में सूखे मछलियों को मिलाकर देने से पूरी हो सकती है. वहीं, प्रत्येक महीने मछलियों का वजन करना चाहिए, ताकि उसके हिसाब से भोजन की मात्रा को बढ़ाया जा सके.

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