भारतीय कृषि मंत्रालय ने इस बार फसल वर्ष 2022-23 के दौरान बागवानी फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है. मंत्रालय के अनुसार यह दो प्रतिशत तक बढ़ सकता है. मंत्रालय के अनुसार 2022-23 में कुल उत्पादन 355 मिलियन टन हो सकता है. जो साल 2021-22 के 347 मिलियन टन की तुलना में अधिक है. हालांकि जो अपडेटेड जानकारी मिल रही है कि बागवानी फसलों का उत्पादन 351.92 मिलीयन टन हो सकता है. केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि मौसम संबंधी चुनौतियों के बावजूद देश में बागवानी फसलों का उत्पादन बढ़ा है. इसके पीछे देश के कृषि वैज्ञानिकों और किसानों की मेहनत छिपी हुई है. उनके दम पर ही यह उपलब्धि हासिल हुई है.
कृषि मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए तीसरे और अपडेटेड आंकड़ों के अनुसार बागवाली फसलों के कुल उत्पादन में 8.07 मिलियन टन की वृद्धि दर्ज की गई है. जो लगभग 2.32 प्रतिशत है. इस दौरान 2021-22 के 347.18 मिलियन टन के मामले में 355.25 मिलियन टन का उत्पादन हुआ है. इसके अलावा फल के उत्पादन में भी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है. मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक 2021-22 के 107.51 मिलियन टन की तुलना में 2022-23 में 109.53 मिलियन टन उत्पादन हुआ है. जबकि सब्जियों का उत्पादन 209.14 एमटी के मुकाबले 288.88 मिट्रिक टन हुआ है.
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इसके साथ ही आलू के उत्पादन में भी बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है. आलू का उत्पादन पिछले साल के 56.18 मिलियन टन की तुलना में 60.22 मिलियन टन हो सकता है.पर टमाटर के उत्पादन में कमी हो सकती है. टमाटर का उत्पादन 20.69 मिलियन टन से घटकर 20.37 मिलियन टन हो सकती है. हालांकि इस बीच सरकार ने प्याजे के उत्पादन को लेकर कोई आंकड़ा जारी नहीं किया है. क्योंकि सरकार को डर है कि इससे प्याज की कीमतों में उछाल आ सकता है. प्याज उत्पादन को लेकर किए गए तीसरे अनुमान में उत्पादन में कमी का अनुमान लगाया गया है. 2021-22 प्याज का उत्पादन 31.7 मिलियन टन था जबकि यह घटकर 30.2 मिलियन टन होने का अनुमान है.
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आईसीएआर के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा कि अनुसार फलों औऱ सब्जियों दोनो का अच्छादन क्षेत्र घटा है पर इसके बाद भी उत्पादन अधिक है. यह दिखाता है कि प्रति हेक्टेयर उत्पादन बढ़ा है. इसके पीछे देश के कृषि वैज्ञानिकों की मेहनत छिपी हुई है. उन्होंने अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने नें सफलता हासिल की है जिससे आज इतना अधिक उत्पादन हासिल हो रहा है. हालांकि उन्होंने कहा कि बागवानी फसलों की खेती के तहत उनका क्षेत्रफल 28.04 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर 28.34 हेक्टेयर हुआ है. जबकि सब्जी का आच्छादन क्षेत्र 11.37 मिलियन हेक्टेयर से घटकर 11.36 हेक्टेयर हो गया है. जबकि फलों का स.06 मिलियन हेक्टेयर से घटकर सात हेक्टेयर हो गया है. इसमें सुगंधित पौधों की खेती के लिए शहद उत्पादन और फूल की खेती भी शामिल है.
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