बकरी को बेशक गरीबों की गाय कहा जाता है, लेकिन, बकरी पालन अपनी तरफ पढ़े-लिखे लोगों के साथ ही प्रतिष्ठित लोगों को भी खूब आकर्षित करता है. देश के एक मात्र बकरी पालन प्रशिक्षण केंद्र केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान (CIRG), मथुरा का रिकार्ड तो यहीं बताते हैं. CIRG मथुरा के रिकाॅर्ड के मुताबिक ग्रेजुएट समेत पीएचडी किए हुए लोग भी मौजूद समय में बकरी पालन कर रहे हैं तो वहीं कभी बालीवुड सुपर स्टार काका जी के नाम से मशहूर राजेश खन्ना भी बकरी पालन का मूड बना चुके थे. उन्होंने बकायदा CIRG मथुरा से बकरी पालन की ट्रेनिंग ली थी.
CIRG ट्रेनिंग सेल के कोऑर्डिनेटर और वरिष्ठ अधिकारी डॉ. एके दीक्षित ने किसान तक को बताया कि फिल्म स्टार और काकाजी के नाम से मशहूर राजेश खन्ना भी यहां से बकरी पालन की ट्रेनिंग ले चुके हैं. उन्होंने बताया कि एक बार रात के वक्त राजेश खन्ना अपने पीए के साथ CIRG मथुरा आए थे. चूंकि रात का वक्त था तो कोई उन्हें पहचान नहीं पाया और गेस्ट हाउस में ठहरा दिया गया. सुबह जब मैस का एक कर्मचारी चाय लेकर गया तो तब उनकी पहचान खुली. उन्होंने CIRG में रुककर बकरी पालन की पूरी जानकारी ली थी, लेकिन बाद में हमे यह पता नहीं चल पाया कि उन्होंने बकरी पालन शुरू किया था या नहीं, लेकिन उनके पास एक बड़ा फार्म हाउस था, ऐसा उन्होंने जिक्र किया था.
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सीआईआरजी में चार डिवीजन है. यह सभी डिवीजन मिलकर भेड़-बकरी पालन की ट्रेनिंग देती हैं. एनीमल जेनेटिक ब्रीडिंग, न्यूट्रीशन और प्रोडक्ट टेक्नोलॉजी, एनीमल हैल्थ और फिजियोलॉजी एंड रीप्रोडक्शन डिवीजन. इसमे से एनीमल जेनेटिक ब्रीडिंग डिवीजन भेड़-बकरी की नस्ल सुधार पर काम करती है. न्यूट्रीशन और प्रोडक्ट टेक्नोलॉजी डिवीजन भेड़-बकरी के चारे और उनसे मिलने वाले दूध, मीट, ऊन और फाइबर आदि पर काम करती है.
एनीमल हैल्थ डिवीजन बकरियों की बीमारी के समाधान और रोकथाम पर काम करती है. जबकि फिजियोलॉजी एंड रीप्रोडक्शडन डिवीजन भेड़-बकरियों की संख्या बढ़ाने पर काम करती है. आर्टिफिशल इंसेमीनेशन तकनीक की मदद से भेड़-बकरियों का कुनबा बढ़ाने की कोशिश होती है.
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CIRG के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. एके दीक्षित ने बताया कि सेना से कर्नल और बिग्रेडियर जैसी बड़ी रैंक से रिटायर होने वाले अफसर भी बकरी पालन की ट्रेनिंग लेने आते हैं. इसके अलावा बीएसएफ, सीआरपीएफ और पुलिस फोर्स के बड़े रिटायर्ड अफसर भी बकरी पालन के ट्रेनिंग बैच में शामिल होते हैं. ट्रेनिंग के बाद यह लोग बकरी पालन करते भी हैं. कई लोग ऐसे हैं जो दूध और मीट के लिए बकरे और बकरियों का पालन कर रहे हैं. इसके अलावा कई ऐसे बड़े सियासी परिवार हैं, जिनके किसी न किसी सदस्य ने CIRG से बकरी पालन की ट्रेनिंग ली है.
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