Animal Transportation: खरीद-फरोख्त के दौरान लंबी यात्रा से तनाव में आ जाती हैं गाय-भैंस, जरूर करें ये खास काम 

Animal Transportation: खरीद-फरोख्त के दौरान लंबी यात्रा से तनाव में आ जाती हैं गाय-भैंस, जरूर करें ये खास काम 

Animal Transportation Tips पशुओं को लंबी यात्रा कराने के बाद ये जरूरी है कि उन्हें बीमारी और तनाव से बचाने के लिए कुछ उपाय अपनाए जाएं. एनिमल एक्सपर्ट भी पशुओं की यात्रा के दौरान और उसके बाद से संबंधि‍त एडवाइजरी भी जारी करते हैं. क्योंकि इस सब का असर पशुओं के दूध उत्पादन पर पड़ता है. 

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Animal Transportation: खरीद-फरोख्त के दौरान लंबी यात्रा से तनाव में आ जाती हैं गाय-भैंस, जरूर करें ये खास काम गर्मियों में पशुओं का ऐसे रखें ध्यान

Animal Transportation Tips पंजाब-हरियाणा से देश के दूसरे हिस्सों में दूर-दूर तक गाय-भैंस बेची जाती हैं. देश के और दूसरे राज्यों में भी खरीद-फरोख्त होती है. इस दौरान ज्यादातर पशु ट्रक से जाते हैं. पशुओं की ये लंबी यात्रा ट्रक में खड़े-खड़े ही होती है. जिसके चलते पशु तनाव में आ जाता है. ऐसा होने पर पशु बीमार पड़ सकता है. साथ ही उसका दूध उत्पादन भी घट सकता है. इसलिए जरूरी है कि पशु की यात्रा के दौरान और डेयरी फार्म पर पहुंचने के बाद एक्सपर्ट के बताए सात काम जरूर करें. 

पशुओं के यात्रा से लौटने के बाद क्या करें

  • एक्सपर्ट का कहना है कि पशुओं के यात्रा से लौटने के बाद कुछ खास काम जरूर करने चाहिए. 
  • यात्रा से आते ही पशुओं को 12-24 घंटे के लिए साफ, छायादार और शांत जगह पर रखें. 
  • आने वाले पशुओं को साफ और ताजा पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स पाउडर मिलाकर दें.
  • यात्रा करके आने वाले पशुओं को शेड में दूसरे पशुओं से अलग रखें. 
  • कोशि‍श करें कि यात्रा से आने वाले पशुओं को क्वारंटीन क्षेत्र में रखें. 
  • पशुओं को क्वारंटीन क्षेत्र में रखने से शेड में बीमारी फैलने का खतरा नहीं रहता है. 
  • यात्रा से आने वाले पशुओं को मुलायम घास ही खाने के लिए दें. 
  • यात्रा से आते ही पशुओं को पहले दिन भारी अनाज या उच्च प्रोटीन वाले चारे से बचें.
  • आने वाले नए पशु के शरीर पर लगी चोट वगैरह चेक कर लें. 
  • पशु की जांच करा लें उसे कोई बीमारी तो नहीं है. 
  • खांसी, नाक से पानी आना, लंगड़ाना, पेट फूलना, कमजोरी आदि पर ध्यान दें.
  • इम्यूनिटी और भूख बढ़ाने के लिए स्ट्रेसमिक्स, विटालाइट या अमीनोविटा दिया जा सकता है. 
  • आने के 24 से 48 घंटे बाद टिक्स, जूं और मक्खियों को नियंत्रित करने के लिए स्प्रे करें. 
  • आने के तीन से सात दिनों के बाद डॉक्टर की सलाह पर कृमिनाशक दवाई दें और टीकाकरण कराएं. 

निष्कर्ष- 

पशुओं की लंबी यात्रा के बाद एक्सपर्ट के बताए उपाय तो अपनाए ही जाने चाहिए, साथ में यात्रा के दौरान भी कुछ बातों का खास ख्याल रखना चाहिए. जिस वाहन से पशु को यात्रा कराई जा रही है उसमे पशु के खड़े होने और उसके हिलने-ढुलने के लिए पूरी जगह होनी चाहिए. यात्रा ज्यादा लंबी हो तो बीच में पशु को ब्रेक देना चाहिए. 

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