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Dog Lovers: यूपी के इस जिले में डॉगी ने दिए 9 बच्चे, 400 गांव वालों ने मनाई छठी, जानिए पीछे की दर्द भरी कहानी

Dog Lovers: यूपी के इस जिले में डॉगी ने दिए 9 बच्चे, 400 गांव वालों ने मनाई छठी, जानिए पीछे की दर्द भरी कहानी

38 साल की राजकली का पूरा जीवन दुखों से भरा हुआ था. वह यहां अपनी चार साल की बेटी के साथ मेरापुर गांव में रहती हैं. राजकली ने बताया कि दस सालों के भीतर वह दो बार विधवा हुईं.

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राजकली का कहना है कि डॉगी चटनी ने उन्‍हें जीवन में धैर्य रखने की ताकत दी. (Demo Pic) राजकली का कहना है कि डॉगी चटनी ने उन्‍हें जीवन में धैर्य रखने की ताकत दी. (Demo Pic)

Amazing Story: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हमीरपुर (Hamirpur) से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. हमीरपुर जिले के भिलवा कस्‍बे के गांव मेरापुर में रहने वालीं राजकली की पालतू डॉगी चटनी ने हाल ही में नौ बच्‍चों का जन्‍म दिया. राजकली ने इन बच्‍चों की छठी मनाई और पूरे गांव को दावत दिया. करीब 400 गांव वाले इस मौके पर आए और लजीज व्‍यंजनों का स्‍वाद उठाया. साथ ही फोक डांस की धुन पर प्रोफेशनल कलाकारों ने जमकर धमाल मचाया. इस मौके पर गांव की महिलाओ ने सोहर गीत गा कर डॉगी का श्रृंगार कर उसको सजाया था. इस अनोखी दावत के बारे में जिसने भी सुना, उसके मुंह से सिर्फ तारीफ ही निकली. फिलहाल इस अनोखी दावत की चर्चा सोशल मीडिया में तेजी से हो रही है.

दरअसल, 38 साल की राजकली का पूरा जीवन दुखों से भरा हुआ था. वह यहां अपनी चार साल की बेटी के साथ मेरापुर गांव में रहती हैं. राजकली ने बताया कि दस सालों के भीतर वह दो बार विधवा हुईं. जब वह भानवनात्‍मक रूप से पीड़ा झेल रही थीं, उस समय उनके जीवन में डॉगी चटनी आई. राजकली का कहना है कि चटनी ने उन्‍हें जीवन में धैर्य रखने की ताकत दी. चटनी उनके लिए धन और स्‍वास्‍थ्‍य दोनों ही मामलों में बहुत लकी रही है. उन्‍होंने इस छठी समारोह के लिए एक लाख रुपये खर्च किए.

पिल्‍लों के पंजों में लगाया आलता, महिलाओं ने गाए सोहर
पिल्‍लों के पंजों में लगाया आलता, महिलाओं ने गाए सोहर

राजकली ने आगे बताया कि गांव वालों को शाकाहारी व्‍यंजन परोसे गए. इसके अलावा प्रोफेशनल डांसर भी बुलाए गए थे. इन लोगों ने लोकधुनों पर परफॉर्म किया. इस मौके पर राजकली के घर और पूरी गली को रंग-बिरंगी झालरों और लाइट से सजाया गया. राजकली बताती हैं कि जैसे किसी परिवार में बच्‍चे का जन्‍म होने पर छठी कार्यक्रम किया जाता है, ठीक उसी तरह मैंने अपने पालतू डॉगी के बच्‍चों के लिए किया. चटनी और उसके सभी बच्‍चों के पंजों पर गांव की महिलाओं ने आलता (लाल रंग) लगाया. साथ ही सोहर भी गाया.

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जैसे ही आसपास के गांवों में यह सूचना फैली, लोग चटनी और उसके बच्‍चों के साथ सेल्‍फी खिंचवाने के लिए पहुंचने लगे.  उन्होंने कहा कि चटनी ने इससे पहले भी बच्‍चे जन्‍में थे पर उनकी संख्‍या तीन या चार ही थी. इस बार जब उसने 9 बच्‍चों को जन्‍म दिया तो उन्‍होंने इसको सेलिब्रेट करने की सोची. राजकली अपने पति के खेतों पर खेती करवाती हैं. इसके अलावा उनके पास एक दर्जन से ज्‍यादा गाय और भैंसे हैं. इसका दूध बेचकर वह अपना परिवार चलाती हैं.राजकली ने बताया कि डॉगी चटनी की छठी मनाना उनके परिवार को चर्चा के केंद्र में ला देगा ऐसा उन्होंने सोचा नहीं था. लोग उनकी इस पहल की सराहना कर रहे हैं.