Stray Cattle: छुट्टा पशुओं को लोग दे रहे घाव, ये अस्पताल लगा रहा है मरहम

Stray Cattle: छुट्टा पशुओं को लोग दे रहे घाव, ये अस्पताल लगा रहा है मरहम

पशुपालान और डेयरी विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक 20वीं पशुधन गणना से पता चला है कि 50.21 लाख छुट्टा गाय-बैल देश की सड़कों पर घूम रहे हैं. इसमे से 12.72 लाख गाय-बैल अकेले राजस्थान में घूम रहे हैं.

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Stray Cattle: छुट्टा पशुओं को लोग दे रहे घाव, ये अस्पताल लगा रहा है मरहम गौशाला में ऐसे किया जा रहा है घायल गायों का इलाज.

छुट्टा पशुओं को लेकर देश में माहौल बना हुआ है. छुट्टा पशुओं की तरफ से लोगों पर हमला और फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने का मामला यूपी व‍िधानसभा चुनाव में भी उठ चुका है. ऐसे में मानव और पशुओं के बीच संघर्ष बढ़ गया है. नतीजतन, कई जगहों पर लोग मवेश‍ियों पर हमलावर होने लगे हैं. ज‍िसके तहत कई जगहों पर मवेश‍ियों पर घातक हथ‍ियारों से हमला क‍िया गया है. ज‍िससे मवेशी बुरी तरह से जख्मी हुए हैं. इस संघर्ष में लोगों ने मवेश‍ियों को घाव द‍िए हैं. ऐसे ही घायल मवेश‍ियों के घावों पर मथुरा का ये अस्पताल मरहम लगा रहा है.      

मथुरा स्थ‍ित रमेश बाबा की श्रीमाता गौशाला में बने अस्पताल में इन द‍िनों ऐसे ही कई मवेश‍ियों का इलाज चल रहा है. आलम ये है क‍ि अस्पताल की ओपीडी और वार्ड में ऐसे मवेश‍ियों की भीड़ लगी हुई है. अस्पताल में 50 से ज्यादा डॉक्टर, नर्सिंग स्टा‍फ और कर्मचारी उनका इलाज कर रहे हैं.

अस्पताल में मवेश‍ियों के ल‍िए दो ऑपरेशन थ‍ियेटर

रमेश बाबा की श्रीमाता गौशाला अस्पताल के सेवादार बी शर्मा ने बताया कि गौशाला में गायों के लिए दो आपरेशन थिएटर हैं. अल्ट्रासाउंड और एक्सरे मशीन भी हैं. गायों की किसी भी तरह की जांच के लिए आधुनिक मशीनों वाली पैथोलाजी लैब है. दवाइयों के लिए एक बड़ा सा मेडिकल स्टोर है. बछड़ों के लिए अलग से वार्ड तैयार किया गया है. 

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सड़कों पर दौड़ती है मवेश‍ियों की एम्बुलेंस 

गौशाला के अस्पताल में तैनात डॉक्टर रोहित ने बताया कि हमारे अस्पताल में एम्बुलेंस भी हैं. इन्हीं एम्बुलेंस की मदद से मवेश‍ियों को सड़क से अस्पताल में लाया जाता है. दिन-रात एम्बुलेंस की मदद से गाय-बैल के अस्पताल में पहुंचने का सिलसिला जारी रहता है. रोजाना करीब 30 गाय-बैल अस्पताल में लाए जाते हैं. इसमे बीमार मवेश‍ियों संख्या कम और चोटिल मवेश‍ियों की संख्या ज्यादा होती है. 

 

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मवेश‍ियों की ऐसे मदद करती है सरकार 

छुट्टा मवेशि‍यों की देखभाल के लिए राज्य सरकारों समेत केन्द्र सरकार भी गौशालाओं को वित्तीय सहायता देती है. हर साल अलग-अलग योजनाओं के तहत करोड़ों रुपये की मदद दी जाती है. इसके लिए केन्द्र में एनीमल वेलफेयर बोर्ड भी बना हुआ है. यहां गौशालाओं का रजिस्ट्रेशन किया जाता है. साल 2019 तक करीब 500 गौशालाएं बोर्ड में रजिस्टर्ड थीं. गौशाला में शेड के साथ-साथ बीमार मवेश‍ियों के लिए एम्बुलेंस खरीदने को भी ग्रांट जारी की जाती है.
 

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