राजस्थान में पशुपालन विभाग की ओर से पिछले कुछ दिनों से लंपी टीकाकरण अभियान चला रहा है. प्रदेश के सभी जिलों में पशुओं को लंपी से बचाव के लिए टीके लगाए जा रहे हैं. पशुपालन विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार अब तक राजस्थान में 10 लाख से अधिक मवेशी का लंपी टीकाकरण हो चुका है. बता दें कि 20 मई से प्रदेशभर में लंपी टीकाकरण अभियान की शुरूआत की गई थी.
जयपुर की हिंगोनिया गोशाला से टीकाकरण अभियान को शुरू किया गया है. टीकाकरण की शुरूआत जयपुर की हिंगोनिया गौशाला से की गई थी.
विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार में सबसे अधिक टीके जयपुर जिले में लगाए गए हैं. यहां अब तक सबसे अधिक 1,04,323 पशुओं को लंपी का टीका लग चुका है. इसके बाद जोधपुर में 105,300, हनुमानगढ़ में 81,160, गंगानगर 67050, नागौर में 53300, भीलवाड़ा 49 हजार, बीकानेर 22,434, चूरू 44,500, झुंझुनूं 38,540, पाली 56300, बांसवाड़ा में 29400 पशुओं का टीकाकरण हो चुका है.
आंकड़ों के अनुसार सबसे कम टीके चित्तौड़गढ़ जिले में पशुओं को लगे हैं. यहां 10 दिन में सिर्फ 550 मवेशियों को ही लंपी के टीके लगाए गए हैं. इसके अलावा प्रतापगढ़ में 2600, डूंगरपुर 8600, राजसमंद 13,497, बांसवाड़ा 29400, उदयपुर 31,524, झालावाड़ 19,602, बारां 22,810, कोटा 19,568, सिरोही 18,300, जालौर 26,122, जैसलमेर 24,700, बाड़मेर 13 हजार, सीकर 12300, दौसा 10 हजार, अलवर 28400, सवाई माधोपुर 5400, करौली 21060 और भरतपुर में सिर्फ 11,535 पशुओं को ही लंपी की वैक्सीन लगी है.
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राजस्थान में पशुपालन विभाग की ओर से इसी महीने की 20 तारीख से लंपी वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू किया था. तब विभाग से शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने कहा था कि "प्रदेश के अंतिम गौवंश तक टीकाकरण कर रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण की कार्यवाही को सुनिश्चित किया जा रहा है. साथ ही अन्य विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर गौवंशीय पशुओं की रोग से सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. विभाग प्रदेश के पशुपालकों में रोग से बचाव के लिए जागरूकता अभियान चला रहा है.
पशुपालन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान भर में लंपी वैक्सीनेशन के लिए विभाग ने 1.39 करोड़ डोज का ऑर्डर दिया था. इसमें से पहली लौट करीब 50 लाख की थी. इन डोज को सभी जिलों में जरूरत के मुताबिक पहुंचा दिया गया है. फिलहाल सबसे ज्यादा वैक्सीनेशन जयपुर और जोधपुर जिले में किया जा रहा है.
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पशुपालन विभाग के डायरेक्टर भवानी सिंह राठौड़ के अनुसार सभी डोज को दूसरे जिलों में भेज दिया गया है. विभाग अपने स्तर पर लंपी की रोकथाम के सारे प्रयास कर रहा है. हमने सभी जिलों के निदेशालयों में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए हैं. भारत सरकार की लंपी पर बनाई गई गाइड लाइन के अनुसार ही पशुपालन विभाग कार्यवाही कर रहा है.
राजस्थान में 2020 और 2021 में लंपी बीमारी से 76030 मवेशियों की मौत हुई थी. हालांकि मृत पशुओं की असल संख्या इससे कहीं ज्यादा थी, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में यही दर्ज है. इन मृत गोवंश में से सरकार ने 55,586 दुधारू गायों की मौत में लंपी को कारण माना गया है.
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