क्या होगा जब प्याज नहीं उगाएंगे किसान? इस खरीफ सीजन कैसे रहेंगे हालात, पढ़ें पूरी रिपोर्ट 

क्या होगा जब प्याज नहीं उगाएंगे किसान? इस खरीफ सीजन कैसे रहेंगे हालात, पढ़ें पूरी रिपोर्ट 

Onion Farming: महाराष्ट्र में पिछले दो साल से प्याज की खेती करने वाले किसान भारी नुकसान झेल रहे हैं. रबी सीजन में प्याज पर बेमौसम बारिश और कीमतों में आई गिरावट की वजह से किसान अब खरीफ सीजन में प्याज की खेती कम करने की बात कह रहे हैं. क्या उपभोक्ताओं की जेब पर इसका असर पड़ेगा?

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क्या होगा जब प्याज नहीं उगाएंगे किसान? इस खरीफ सीजन कैसे रहेंगे हालात, पढ़ें पूरी रिपोर्ट क्या खरीफ सीजन में किसान कम करेंगे प्याज की खेती ?

प्याज के ग‍िरते दाम से परेशान क‍िसान अब इसकी खेती कम करने के ल‍िए व‍िचार करने लग गए हैं. उन्हें प‍िछले दो साल से स‍िर्फ 2-4 रुपये क‍िलो का दाम म‍िल रहा है. ऐसे में वो घाटा सहकर कब तक खेती करेंगे. यह बड़ा सवाल है. महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संगठन के अध्यक्ष भारत द‍िघोले का कहना है क‍ि पांच-सात साल पहले प्याज का जो दाम म‍िलता था वही अब भी म‍िल रहा है. जबकि उत्पादन की लागत काफी बढ़ चुकी है. प्याज ऐसे ही औने-पौने दाम पर बिकता रहा तो किसान  इसकी खेती छोड़कर दूसरी फसलों को अपना लेंगे. यह हालात उपभोक्ताओं के लिए ठी‍क नहीं होंगे. अगर इसकी खेती छोड़ने या कम करने की वजह से महाराष्ट्र में उत्पादन कम हुआ तो देश में प्याज इंपोर्ट करना पड़ सकता है. क्योंक‍ि देश का करीब 43 फीसदी प्याज यहीं पैदा होता है. ऐसे में इसके भाव में भारी इजाफा होगा और यह 200 रुपये तक क‍िलो तक पहुंच सकता है. 

देश में रबी सीजन की कुल प्याज उत्पादन में हिस्सेदारी 60 से 65 फीसदी की मानी जाती है. जबक‍ि खरीफ सीजन में कम खेती होती है. रबी सीजन के प्याज का दाम बहुत कम म‍िला है. इसल‍िए क‍िसान खरीफ सीजन में इसकी खेती का दायरा कम करने के ल‍िए सोच रहे हैं. 'क‍िसान तक' ने देश के सबसे बड़े प्याज उत्पादक महाराष्ट्र में प्याज के कम दाम से पीड़‍ित कई क‍िसानों से बातचीत की. ताक‍ि पता चले क‍ि अगली फसल के ल‍िए वो क्या सोच रहे हैं. 

आख‍िर खेती कैसे करेंगे क‍िसान? 

नासिक जिले में प्याज की खेती करने वाले किसान गिरिराज बताते हैं कि इस साल भारी नुकसान हुआ है. बाज़ार में क‍िसानों को  उचित दाम नहीं मिला है. बेमौसम बारिश से भी रबी सीजन की प्याज खराब हुई है. कम दाम तो रुला ही रहा है. ऐसे में किसानों के पास अब दूसरी फसल उगाने के लिए पैसे नहीं हैं. किसान बैंको को लोन लेकर खेती करते हैं. जब पहले वाला ही लोन किसान नहीं चुका पाएंगे तो आगे कैसे खेती कर पाएंगे. खरीफ में भी अगर दाम का ऐसा ही हाल रहा तो किसान प्याज की खेती बंद कर देंगे. जिले के जिन तालुका में पानी की बहुत कमी है वहां किसानों के पास प्याज की खेती के अलावा दूसरा कोई चारा नहीं हैं. ऐसे में उन तालुका के किसान मजबूरी में प्याज की ही खेती करेंगे.

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दूसरी फसलों की खेती करेंगे क‍िसान  

नासिक जिले के मालेगांव तालुका के किसान सावत सुरेश मंडल का कहना है कि इस साल कपास और प्याज की कीमतों में भारी गिरावट है. ऐसे में किसान प्याज और कपास की खेती का दायरा करीब 50 फीसदी कम कर देंगे. मालेगांव में किसान सबसे ज्यादा प्याज और कपास की खेती करते हैं.

उधर, क‍िसान नेता भारत द‍िघोले का कहना है क‍ि प्याज के गिरते दाम से किसानों को नुकसान हुआ है. प्याज की खेती करने वाले ज्यादातर क‍िसानों के पास अब इतने पैसे नहीं हैं क‍ि वो अगली फसल की खेती कर सकें. ऐसे में खरीफ सीजन में इसका असर दिखेगा. किसान अब दूसरी फसल की ओर रुख कर देंगे. खरीफ सीजन में प्याज की बुवाई के लिए जून में किसान  नर्सरी तैयार करना शुरू कर देंगे. लेक‍िन खेती का दायरा कम होगा. 

जिन तालुका में पानी की सबसे  कमी है उनमें तो प्याज की खेती करना क‍िसानों की मजबूरी बन गया है. सिनार, यवाला, नादगाव, देवाला, चंदवाड, मनमाड़ और सतारा आद‍ि में खरीफ सीजन में प्याज की अच्छी खेती होती है. इनमें किसानों के पास पानी की कमी के कारण दूसरा कोई चारा नहीं है.

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