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Rajasthan: गोशालाओं के रजिस्ट्रेशन नियमों में छूट, अब 100 गोवंश पर भी होगा पंजीयन

Rajasthan: गोशालाओं के रजिस्ट्रेशन नियमों में छूट, अब 100 गोवंश पर भी होगा पंजीयन

राजस्थान के गोपालन विभाग ने गोशालाओं के रजिस्ट्रेशन नियमों में छूट दी है. इसके तहत अब सिर्फ दो बीघा जमीन पर गोशाला बनाई जा सकेगी. साथ ही गोशाला में 200 गोवंश की अनिवार्यता को कम कर 100 कर दिया गया है. रजिस्ट्रेशन नियमों में छूट से गोशालाओं को अनुदान का रास्ता भी खुल जाएगा. नंदीशाला खोलने के नियमों में भी विभाग ने छूट दी है.

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बूंदी के किसान जयप्रकाश अपनी गाय के साथ. फोटो- जयप्रकाश गहलोत बूंदी के किसान जयप्रकाश अपनी गाय के साथ. फोटो- जयप्रकाश गहलोत

शहरों और गांवों में खुले में घूमते निराश्रित पशुओं से अब किसानों को छुटकारा मिलने की उम्मीद है. साथ ही शहरों और बाजारों में इन पशुओं से होने वाली दुर्घटनाओं और नुकसान से भी बचा जा सकेगा. दरअसल, राजस्थान के गोपालन विभाग ने गोशालाओं के रजिस्ट्रेशन नियमों में छूट दी है. इसके तहत अब सिर्फ दो बीघा जमीन पर गोशाला बनाई जा सकेगी. साथ ही गोशाला में 200 गोवंश की अनिवार्यता को कम कर 100 कर दिया गया है. रजिस्ट्रेशन नियमों में छूट से गोशालाओं को अनुदान का रास्ता भी खुल जाएगा. नंदीशाला खोलने के नियमों में भी विभाग ने छूट दी है.

पहले जहां नंदीशाला के लिए 20 बीघा भूमि जरूरी होती थी. अब इसकी सीमा घटाकर 10 बीघा ही कर दी है. नए नियमों के अनुसार गोशाला रजिस्ट्रेशन में ऑफिस, आवास और अन्य व्यवस्थाओं के लिए कम से कम एक हजार स्क्वायर मीटर जमीन होना जरूरी है. साथ ही एक गाय के खड़े रहने-बैठने और खुले में घूमने के लिए 24 स्क्वायर मीटर जमीन आवश्यक है. 

इस बदलाव का फायदा किसानों को

मौसम की मार के बाद किसानों को अगर सबसे बड़ा खतरा है तो वो निराश्रित पशुओं का खेतों को नुकसान पहुंचाने का है. निराश्रित पशुओं से खेतों को बचाने के लिए (जिनमें गायों की संख्या अधिक है) किसान पूरी-पूरी रात जागकर रखवाली करते हैं. यह समस्या अकेले राजस्थान की नहीं है बल्कि पूरे उत्तर भारत की है.

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सरकारों ने पशुओं के फसलों को बचाने के लिए तारबंदी योजना शुरू की, लेकिन अक्सर देखा जाता है कि गायें इन तारों को लांघकर खेतों में घुस जाती हैं. साथ ही कंटीले तारों से खुद को चोटिल भी कर लेती हैं. इसीलिए गोशालाओं के रजिस्ट्रेशन संबंधी नियमों में संशोधन का फायदा किसानों को मिलेगा. इसके अलावा बाजारों और सड़कों पर पशुओं की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी. 

गोशालाओं को होंगे ये मुख्य तीन फायदे

गोशाला संबंधी नियमों में हुए इस बदलाव से छोटी गोशालाओं को फायदा होगा. क्योंकि अब तक गोशालाओं को सब्सिडी के लिए 200 गोवंश और कम से कम पांच बीघा क्षेत्र की अनिवार्यता थी. लेकिन इसे अब 100 गोवंश और दो बीघा जमीन कर दिया है. इससे कई छोटी गोशालाओं जो पहले अनुदान के लिए अपात्र थीं, अब पात्रता के दायरे में आ जाएंगी.

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नियमों में बदलाव के बाद छोटी गोशालाओं को अनुदान मिलेगा. इससे गोवंश को भी सुरक्षा मिलेगी. बेसहारा पशुओं की संख्या में भी कमी होगी. इसके अलावा जो छोटी संस्थाएं गोशाला खोलना चाहती हैं, वे गोशाला का संचालन कर पाएंगी. इससे गोवंश का संरक्षण होगा. विभाग के इस निर्णय से करीब 55 हजार गायों को गोशालाओं में जगह मिल सकेगी.

राज्य की 2300 गोशालाओं में करीब 12 लाख गोवंश

राजस्थान गोपालन विभाग की 2022-23 की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेशभर में करीब 2314 गोशालाएं संचालित हैं. साथ ही इन गोशालाओं में करीब 11.47 लाख गोवंशों के लिए सरकार की ओर से अनुदान दिया जा रहा है. 

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