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राजस्थान में अब डॉग ब्रीडर्स और दुकानों का रजिस्ट्रेशन हुआ अनिवार्य, पेट शॉप नियम लागू

राजस्थान में अब डॉग ब्रीडर्स और दुकानों का रजिस्ट्रेशन हुआ अनिवार्य, पेट शॉप नियम लागू

राजस्थान में अब जानवर पालने के लिए उसका रजिस्ट्रेशन जरूरी हो गया है. इस संबंध में जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने राजस्थान में चल रहे डॉग ब्रीडर्स और पेट शॉप्स का पंजीयन अनिवार्य किया है. रजिस्ट्रेशन के लिए राज्य में प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स नियम 2017 व 2018 को लागू कर दिया गया है.

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राजस्थान में अब डॉग ब्रीडर्स और दुकानों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, फोटो साभार- आजतक राजस्थान में अब डॉग ब्रीडर्स और दुकानों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य, फोटो साभार- आजतक

राजस्थान में अब जानवर पालने के लिए उसका रजिस्ट्रेशन जरूरी हो गया है. इस संबंध में जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने राजस्थान में चल रहे डॉग ब्रीडर्स और पेट शॉप्स का पंजीयन अनिवार्य किया है. रजिस्ट्रेशन के लिए राज्य में प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स  नियम 2017 व 2018 को लागू कर दिया गया है.

पांच हजार रुपये में होगा रजिस्ट्रेशन

इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए जीव जंतु बोर्ड के अध्यक्ष के.सी. विश्नोई ने बताया कि ऐसी पेट शॉप एवं डॉग ब्रीडर्स संस्थाएं जो कि प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (डॉग ब्रीडिंग एवं मार्केटिंग नियम) 2017 एवं प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (पेट शॉप नियम) 2018 के अंतर्गत पंजीयन की श्रेणी में हो, इन्हें राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड में निर्धारित प्रपत्र में आवेदन करना अनिवार्य हो गया है.

इसके लिए आवेदन शुल्क पांच हजार रुपये है. यह राशि नॉन रिफंडेबल है. उन्होंने बताया कि बोर्ड में रजिस्ट्रेशन के बाद ही स्थानीय निकाय विभाग द्वारा लाइसेंस जारी किया जायेगा. लाइसेंस पांच वर्ष तक के लिए वैध रहेगा. पांच साल बाद लाइसेंस का रिन्यूवल कराना होगा. 

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यह होगा फायदा

पंजीयन प्रक्रिया के दौरान बोर्ड की ओर से प्राधिकृत अधिकारियों के द्वारा संस्था का निरीक्षण किया जायेगा. साथ ही पंजीयन के बाद भी समय-समय पर निरीक्षण किए जाते रहेंगे. जिससे पालतू पशुओं की दुकानों पर ब्रीडिंग एवं उनके रख-रखाव के सबंध में गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सकेंगे.

उन्होंने कहा कि अब राज्य में ब्रीडर बिना पंजीयन के ब्रीडिंग का कार्य नहीं कर सकेंगे. ब्रीडर्स एवं पेट शॉप मालिक राज्य के जिलों के संयुक्त निदेशक कार्यालय एवं राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड में संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा पशुपालन विभाग की वेबसाइट पर जाकर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.

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राजस्थान में करीब 13 लाख पेट्स

राजस्थान में एक अनुमान के मुताबिक करीब 13 लाख पालतू जानवर हैं. इन्हें पालने के लिए स्थानीय निकाय यानी ग्राम पंचायत, नगर पालिका, नगर परिषद, नगर निगमों के लिए लोगों को लाइसेंस दिया जाता है. हालांकि प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (डॉग ब्रीडिंग एवं मार्केटिंग नियम) 2017 एवं प्रिवेंशन ऑफ क्रुएल्टी टू एनिमल्स (पेट शॉप नियम) 2018 लागू होने से पहले डॉग शॉप्स और ब्रीडर के लिए लाइसेंस अनिवार्य नहीं था. अब इन नियमों के लागू होने के बाद ब्रीडर्स और दुकानदारों को भी लाइसेंस लेना होगा. 

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