उत्तर प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में राज्य सरकार और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते के तहत कानपुर, गोरखपुर और कन्नौज के तीन प्रमुख डेयरी प्लांट तथा अम्बेडकरनगर की पशु आहार निर्माणशाला का संचालन अब एनडीडीबी को सौंपा गया है.
इससे उत्तर प्रदेश के दुग्ध उद्योग में तकनीकी दक्षता, पारदर्शिता और व्यावसायिकता के नए मानक स्थापित होंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- प्रदेश का दुग्ध क्षेत्र हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मेरुदंड बनेगा. यह साझेदारी किसानों को लाभ, युवाओं को रोजगार और उपभोक्ताओं को गुणवत्ता युक्त उत्पाद उपलब्ध कराएगी, वो भी बिना किसी अतिरिक्त सरकारी खर्च के.
• कानपुर डेयरी प्लांट 160.84 रुपये करोड़ की लागत, 4 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता.
• गोरखपुर प्लांट 61.80 करोड़ रुपये की लागत, 1 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता
• कन्नौज प्लांट 88.05 करोड़ की लागत, 1 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता
• अम्बेडकरनगर पशु आहार संयंत्र 18.44 करोड़ लागत, 100 मीट्रिक टन प्रतिदिन उत्पादन क्षमता
इन इकाइयों का निर्माण तो पहले ही हो चुका था, लेकिन संचालन की कमी के कारण पूरी क्षमता से कार्य नहीं कर पा रही थीं। अब एनडीडीबी के जरिए इन्हें व्यावसायिक रूप से लाभकारी मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा.
सीएम योगी ने कहा कि झांसी, आगरा और गोरखपुर जैसे जिलों में महिलाओं की सक्रिय भूमिका से दुग्ध उद्योग को नई ऊर्जा मिली है. एनडीडीबी की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि अब यह क्षेत्र युवाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार का बड़ा केंद्र बनेगा. उन्होंने यह भी जोड़ा कि 2014 के बाद प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कृषि और पशुपालन क्षेत्र में जिस तरह के नवाचार हुए हैं, उसने इस पूरे सेक्टर को पुनर्जीवित कर दिया है.
उन्होंने कहा कि एनडीडीबी जैसे दक्ष एवं अनुभवी संस्थान को संचालन सौंपे जाने से इन इकाइयों में तकनीकी कुशलता, व्यावसायिक पारदर्शिता और किसानों को प्रत्यक्ष लाभ सुनिश्चित होगा. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश की पशुधन संपदा और दुग्ध उत्पादन की विशाल क्षमता को यदि नियोजित और वैज्ञानिक तरीके से विकसित किया जाए तो उत्तर प्रदेश न केवल देश का अग्रणी दुग्ध उत्पादक राज्य बन सकता है, बल्कि वैश्विक डेयरी मानचित्र पर भी अपनी अलग पहचान स्थापित कर सकता है. एनडीडीबी के साथ यह एमओयू उसी दिशा में एक ठोस, दूरदर्शी और व्यवहारिक कदम है.
एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह ने कहा कि इन इकाइयों को राज्य के सबसे लाभकारी मॉडल प्लांट्स में तब्दील किया जाएगा. इस अवसर पर उपस्थित एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह ने नोएडा में संपन्न वर्ल्ड डेयरी समिट, 2022 के आयोजन में मुख्यमंत्री की ओर से प्राप्त सहयोग के प्रति आभार जताया और उत्तर प्रदेश में एनडीडीबी द्वारा संचालित विभिन्न दुग्ध विकास परियोजनाओं की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया. उन्होंने विश्वास दिलाया कि उत्तर प्रदेश के जिन तीन डेयरी प्लांट और एक पशु आहार निर्माणशाला के संचालन की जिम्मेदारी एनडीडीबी को सौंपी गई है, वे आने वाले वर्षों में प्रदेश के सबसे लाभकारी और मॉडल इकाइयों के रूप में स्थापित होंगे.
• समयबद्ध भुगतान और बेहतर मूल्य
• स्थायी विपणन व्यवस्था
• सहकारी समितियों की भागीदारी
• संसाधनों का योजनाबद्ध उपयोग
• बिना अतिरिक्त खर्च के राजस्व साझेदारी
• दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार पीसीडीएफ को एनडीडीबी की बेस्ट प्रैक्टिसेज अपनाने के लिए प्रेरित करेगी. यह साझेदारी न सिर्फ उत्तर प्रदेश के दुग्ध क्षेत्र को नई दिशा देगी, बल्कि इसे वैश्विक डेयरी मानचित्र पर एक मजबूत उपस्थिति भी दिलाएगी.
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