जुलाई में भूलकर भी ना करें पशुपालन की शुरुआत, धरे रह जाएंगे सारे इंतजाम हो जाएगा घाटा!

जुलाई में भूलकर भी ना करें पशुपालन की शुरुआत, धरे रह जाएंगे सारे इंतजाम हो जाएगा घाटा!

अगर पशुपालन बिजनेस से कमाई करना चाहते हैं तो विचार अच्छा है लेकिन उससे पहले कुछ बेसिक जानकारी लेनी चाहिए. अधिकांश लोग खेतों की कटाई के बाद जुलाई-अगस्त में ही पशुपालन की शुरुआत कर लेते हैं, अच्छी तैयारी भी करते हैं फिर भी घाटे में चले जाते हैं. इस खबर में आपको पशुपालन का सही समय बताने जा रहे हैं.

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जुलाई में भूलकर भी ना करें पशुपालन की शुरुआत, धरे रह जाएंगे सारे इंतजाम हो जाएगा घाटा!buffalo

पिछले कुछ सालों से देश में पशुपालन फायदे का अच्छा सौदा बनकर उभरा है. हमने ऐसे भी लोग देखे हैं जो अच्छी-खासी नौकरी छोड़कर पशुपालन से जुड़े और अच्छी कमाई की. अगर आप भी पशुपालन से जुड़ने का मन बना रहे हैं तो बेसिक बातों की जानकारी होनी चाहिए नहीं तो फायदों की बजाय नुकसान उठाना पड़ सकता है. अगर आप पहली बार पशुपालन करने जा रहे हैं तो जुलाई-अगस्त के महीने में ना करें इससे आपको नुकसान हो सकता है.  कुछ लोग कभी भी पशु खरीद कर शेड में रख लेते हैं उनकी देखभाल भी अच्छी तरह से करते हैं फिर भी अच्छा फायदा नहीं मिल पाता है. आइए जान लेते हैं कि जुलाई-अगस्त में पशुपालन करने के क्या नुकसान हैं?

इन कारणों से हो सकता है नुकसान

पशुपालन करने वाले ज्यादातर लोग अच्छी पूंजी लगाने और बेहतर देखभाल के बाद भी नुकसान झेलते हैं, इसका कारण है सही जानकारी की कमी. पशुपालन की शुरुआत करने के लिए बेहतर इंतजाम के साथ सही समय की भी जानकारी होनी चाहिए. मॉनसून के महीने में कभी भी पशुपालन की शुरुआत नहीं करनी चाहिए. आइए जानें क्यों?

रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी

बारिश के महीने में इंसानों के साथ पशुओं की भी पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी होती है. इम्यूनिटी कमजोर होने की वजह से पशु बारिश में होने वाले संक्रमण से लड़ नहीं पाते और बीमार हो जाते हैं. शुरुआती समय में ही पशुओं के बीमार होने से काफी नुकसान होता है. एक-दो पशुओं के बीमार होने से ये बीमारियां अन्य पशुओं में भी फैल सकती हैं. 

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वातावरण में बदलाव

जुलाई-अगस्त के महीने में भारत में मॉनसून पूरी तरह एक्टिव रहता है. इन दोनों ही महीने में खूब बारिश होती है जिससे पशु नई जगह में खुद को नहीं ढाल पाते. इससे उनमें चंचलता नहीं रहती जिसके कारण दुधारू पशुओं में दूध देने की क्षमता भी कम होती है. वहीं चंचलता की कमी से पक्षियों की प्रजाति में भी कई बीमारियां देखी जाती हैं. 

बारिश में होने वाली बीमारियां

बरसात के दिनों में कई तरह की संक्रमित बीमारियों का खतरा रहता है. इन दिनों गाय-भैंसों में खुरपका-मुंहपका, थनैला और गलाघोंटू जैसे रोग तो वहीं पक्षियों में निमोनिया, रानीखेत और बर्ड फ्लू जैसी बीमारियों का खतरा होता है जिसके चलते पशुओं की खास देखभाल न होने पर वे बीमार हो जाते हैं. 

पशुपालन की शुरुआत का सही समय

अगर आप पशुपालन की शुरुआत करने जा रहे हैं तो सामान्य तापमान और सही मौसम का चयन करें. सितंबर से शुरुआती नवंबर और फरवरी-मार्च का महीना पशुपालन की शुरुआत करने के लिए अच्छा माना जाता है. इन दिनों न अधिक गर्मी होती ना अधिक ठंड, बारिश की संभावना भी नाममात्र की ही रहती है जिसके कारण पशु नई जगह पर खुद को आसानी से ढाल लेते हैं और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा रहता है. बारिश में शुरुआत करने से बचें. 

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