राजस्थान में बीते कुछ दिनों में कई जिलों से मवेशियों में लंपी स्किल इंफेक्शन के केस सामने आए हैं. अजमेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर और बाड़मेर के कुछ गांवों की गायों लंपी के लक्षण दिखाई दिए हैं. इसे लेकर जयपुर में पशुपालन विभाग में अब हरकत में आया है. सचिवालय में पशुपालन विभाग के शासन सचिव ने मीटिंग ली और जिलों में लंपी से बचाव के लिए किए जाने वाले कामों में फुर्ती लाने के निर्देश दिए. विभाग लंपी से बचाव के लिए जिला स्तर पर टीकाकरण, समुचित खान-पान एवं दवाइयों की व्यवस्था कर मवेशियों को इससे बचाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही विभाग ने राज्य और जिला स्तर पर कंट्रोल रूप स्थापित कर दिए हैं.
लम्पी स्किन डिजीज की रोकथाम, नियंत्रण एवं संबंधित कार्यों के लिए राज्य स्तर एवं समस्त ज़िलों में कंट्रोल रूम स्थापित कर दिए गए हैं. पशुपालन निदेशालय स्तर पर कोई भी पशुपालक फोन नंबर 0141-2743089 पर सुबह 9:30 बजे से शाम छह बजे तक सम्पर्क कर सकता है. कार्यालय समय के बाद और अवकाश के दौरान डॉ. रामगोपाल उज्जवल के मोबाइल नंबर 9828378549 पर सम्पर्क किया जा सकेगा.
पशुपालन विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने सचिवालय में "लम्पी स्किन डिजीज" की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए अंतर विभागीय बैठक ली. उन्होंने विभाग के अधिकारियों से लंपी से बचाव के लिए अधिक से अधिक टीके लगाने और टीकाकरण अभियान जल्दी शुरू करने के निर्देश दिए.
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विभाग 15 मई से प्रदेशभर में लंपी वैक्सीनेशन कैंपों की शुरूआत कर रहा है. साथ ही कृष्ण कुणाल ने बीमारी पर काबू पाने के लिए प्रभावित जिलों में दूसरे विभागों से भी समन्वय स्थापित करने की बात कही है. ताकि बीमारी पर जल्दी और प्रभावी कार्यवाही शुरू हो सके.
पशुपालन विभाग पशुपालकों को बीमारी के रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार की रणनीति अपना रहा है. ताकि बीमारी का कुछ हद तक इलाज खुद पशुपालक भी कर सके. इसमें राजस्थान में 30 जून तक चल रहे महंगाई राहत कैंपों के जरिए योजनाओं का लाभ लेने आ रहे किसान और पशुपालकों को जागरूक किया जाएगा. उन्हें कैंपों में भी लंपी बीमारी के लक्षण, रोकथाम के बारे में जानकारी दी जाएगी.
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महंगाई राहत कैंपों के अलावा पशुपालन विभाग आरसीडीएफ के माध्यम से भी बीमारी के बारे में पशुपालकों को जागरूक करने पर जोर दे रहा है. क्योंकि दूध उत्पादक संघों का पशुपालकों से सीधा संपर्क है. इस संबंध में विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने आरसीडीएफ की मैनेजर सुषमा अरोड़ा को निर्देश भी दिए हैं. कहा है कि दूध उत्पादक संध पशुपालकों तक सन्देश पहुंचाएं कि साफ़ सफाई का विशेष ध्यान रखा जाये. ताकि रोग एक से दूसरे पशु में न फैले.
पशुपालन विभाग लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए सौ प्रतिशत टीकाकरण, एलोपैथी इलाज के अलावा आयुर्वेदिक दवाईओं और घरेलू उपचारों के बारे में भी पशुपालकों को जागरूक कर रहा है. ताकि पशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो जाए.
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