महाराष्ट्र में एक बार फिर से गायों पर लंपी बीमारी का खतरा बढ़ने लगा हैं. राज्य के गोंदिया जिले में कई जगहों पर लंपी रोग फैल रहा है. इसके चलते जिले में अब तक लंपी रोग से तीन पशुओं की मौत हो चुकी है. इससे पशुपालकों की चिंता बढ़ गई है. पशुपालकों का कहना हैं कि टीकाकरण हो चुका है लेकिन अब यह रोग फिर से पैर पसारने लगा है. जिले में कई पशु इस बीमारी से संक्रमित हैं. इससे पशुपालकों में भय का माहौल बना हुआ है. पिछले साल प्रदेश भर में पशुओं में लंपी रोग का प्रकोप फैला था.
इसके कारण बड़ी संख्या में पशुओं की मौत हुई थी. लंपी रोग को रोकने के लिए राज्य में बड़ी संख्या में पशुओं का टीकाकरण किया गया. लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में यह बीमारी फिर से पैर पसारने लगी है. पशुओं पर लंपी रोग का अटैक महाराष्ट्र समेत राजस्थान, उत्तराखंड में भी तेज़ी से बढ़ता देखा जा रहा है.
महाराष्ट्र में अभी खरीफ सीजन की शुरुआत हो चुकी है किसान अब बुवाई की ओर रुख कर रहे हैं. ऐसे में पशुओं में ये रोग से बढ़ने से किसान परेशान हैं. पशुओं के मरने से किसानों में भय का माहौल है. किसानों की अर्थव्यवस्था पशुओं पर निर्भर करती है. इसके चलते किसानों में डर है कि कहीं इससे खरीफ सीजन ना प्रभावित हो.
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जिले में बढ़ते लंपी रोग का खतरा देखते हुए विभाग की तरफ से कहा जा रहा है कि आसपास के क्षेत्रों में नवेगांव राष्ट्रीय बाघ संरक्षण वन क्षेत्र के तहत बफर जोन में पालतू जानवरों के साथ-साथ जंगली जानवरों का टीकाकरण करने की आवश्यकता है. पशुपालन विभाग के अधिकारी किसानों को सलाह दे रहे हैं कि संक्रमित पशुओं का विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता है. उन जानवरों को अलग-थलग कर देना चाहिए ताकि वे दूसरे जानवरों के संपर्क में न आएं. इन पशुओं के लिए चारे और पानी की अलग से व्यवस्था करें. पशुओं में लंपी रोग होने पर तत्काल पशुपालन विभाग को सूचित करें. साथ ही प्रभावित पशुओं को पशु चिकित्सालय में ले जाकर उपचार किया जाए.
पशुपालन विभाग ने आगे कहा पशु में लंपी रोग तेजी से फैलने वाला संक्रामक रोग है लेकिन अगर इसका तुरंत इलाज किया जाए तो यह लगभग निश्चित रूप से ठीक हो सकता है. इस रोग से पशुओं की मृत्यु दर बढ़ेगी, इसलिए किसान घबराएं नहीं, मदद के लिए पशुपालन विभाग के टोल फ्री नंबर पर कॉल करें 1800-2330-418 या टोल फ्री नं. 1962 पर तुरंत संपर्क करें.
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