Animal Care Tips: एक्सपर्ट के ये जरूरी टिप्स बरसात में पशुओं को बचाएंगे जानलेवा बीमारियों से 

Animal Care Tips: एक्सपर्ट के ये जरूरी टिप्स बरसात में पशुओं को बचाएंगे जानलेवा बीमारियों से 

Animal Care Tips for Monsoon हरियाणा के पशुपालन विभाग में डिप्टी डायरेक्टर डॉ. पुनीता गहलावत ने किसान तक को बताया कि अगर पशुपालक जरूरी उपाय अपनाने के साथ ही कुछ सरकारी स्कीम का फायदा उठाते हैं तो मौसमी बीमारियों के चलते उनका जोखि‍म कम हो जाता है. इतना ही नहीं गांव और कस्बों के पशु अस्पताल में भी ये सभी सुविधाएं मौजूद हैं.

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Animal Care Tips: एक्सपर्ट के ये जरूरी टिप्स बरसात में पशुओं को बचाएंगे जानलेवा बीमारियों से पशुओं को ना होने दें ये 3 रोग

Animal Care Tips for Monsoon बरसात का मौसम पशुओं के लिए बीमारी का घर होता है. यहां तक की पशुओं द्वारा खाए जाने वाला हरा चारा, पीने का पानी भी पशुओं के लिए बीमारियों की वजह बन जाता है. इस मौसम में जाने-अनजाने हुई जरा सी भी लापरवाही गाय-भैंस और भेड़-बकरी सभी के लिए जानलेवा हो सकती है. इससे जहां पशु तनाव में आता है, वहीं पशुपालक को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है. पशु का दूध कम हो जाता. संक्रम के चलते कई बार पशु की मौत तक हो जाती है. लेकिन बरसात के दौरान कुछ जरूरी टिप्स अपना लिए जाएं तो पशुपालक परेशानी से बचा रहेगा और पशु भी हैल्थी रहेगा. 

बरसात में पशुओं के लिए जरूरी काम क्या हैं

  • गाय-भैंस के चार महीने के बच्चे से टीका लगना शुरू हो जाता है. 
  • खुरपका-मुंहपका, गलघोंटू, मिल्क फीवर, थनेला बीमारी को टीका लगवाकर रोका जा सकता है.
  • मॉनसून शुरू होने से पहले जरूरी टीके लगवा लें.
  • पहले टीके नहीं लगवाए हों तो बरसात के बीच में भी लगवा सकते हैं. 
  • गांव के पशु अस्पताल में जाकर ये सभी टीके लगवाए जा सकते हैं. 
  • पशु को पेट के कीड़े की दवा भी बरसात में जरूर खिलाएं. 

बरसात में पशुओं का ख्याल कैसे रख सकते हैं

  • बरसात के दिनों में संक्रमण रोग ज्यादा होते हैं. 
  • इसलिए बाड़े में सभी पशुओं को एक साथ कभी न बांधे. 
  • हैल्थी पशुओं को अलग रखें और बीमार को अलग बांधे. 
  • पशुओं के छोटे बच्चों को बड़े पशुओं से अलग रखना चाहिए. 
  • जो पशु गाभिन हैं या फिर बच्चा दे चुके हैं उन्हें भी अलग रखना चाहिए. 
  • गाभिन या बच्चा दे चुके पशुओं को खाने के लिए अच्छी खुराक दें. 
  • पशुओं को मक्खी और मच्छर से बचाने के लिए फोगिंग कराएं. 
  • कोई पशु मर जाता है तो उसे यहां-वहां खुले में न फेंककर मिट्टी में दबाएं. 
  • मरे हुए पशु को दफनाने के बाद उसके ऊपर नमक जरूर डालें. 
  • बरसात के दौरान पशुओं को चमड़ी के रोग न होने दें. 
  • पशु को हाथ लगाने से पहले और उसके बाद अपने हाथ को सेनेटाइज जरूर करें. 
  • शेड में नए आए पशु को 15 दिन के लिए दूसरे पशुओं से अलग रखें. 

निष्कर्ष- 

बरसात के मौसम में होने वाले हरे चारे में पानी की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. इसी तरह से इस मौसम में ही कई जगह खुले में बारिश का पानी जमा हो जाता है. ये पानी पूरी तरह से दुषित होता है. यही वजह है कि बरसात के दौरान पशुओं को पीने के पानी और हरे चारे से भी बीमारियां हो सकती हैं. 

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