Fish Feed: ज्यादा मुनाफे के लिए मछलियों को वजनदार बनाना है तो तालाब में ऐसे डालें फिश फीड

Fish Feed: ज्यादा मुनाफे के लिए मछलियों को वजनदार बनाना है तो तालाब में ऐसे डालें फिश फीड

Fish Feed in Pond जब तक तालाब में मछलियों को बराबर रूप से फीड खाने को नहीं मिलेगा तो वो एक सामान वजन में कभी तैयार नहीं होंगी. इसलिए ये जरूरी है कि तालाब में एक खास तरीके से मछलियों को फीड डाला जाए, जिससे सभी मछलियों को उनकी जरूरत के हिसाब से फीड खाने को मिल जाए. 

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Fish Feed: ज्यादा मुनाफे के लिए मछलियों को वजनदार बनाना है तो तालाब में ऐसे डालें फिश फीड ब्लैक सोल्जर फ्लाई लार्वा से बनी फिश फीड.

Fish Feed in Pond फिशरीज एक्सपर्ट का कहना है कि तालाब के पानी में मछलियों का बीज और फीड डालेंगे तो वो आज नहीं तो कल ब़ी तो हो ही जाएंगी. कम फीड डालेंगे तब भी मछली अपने जीने के लिए तालाब के अंदर ही खाने का जुगाड़ कर ही लेगी. लेकिन मछली पालन में मुनाफा तब होता है जब मछली का वजन बढ़े. क्योंकि बाजार में मछली वजन के हिसाब से बिकती है. जितना ज्यादा वजन होगा उतने ही उसके दाम मिलेंगे. लेकिन ज्यादातर मछली पालकों की ये शि‍कायत होती है कि एक ही तालाब की कुछ मछलियां तो वजनदार हो जाती हैं, जबकि कुछ मछली कमजोर यानि वजन में कम रह जाती हैं. 

तालाब के बीच में किस मछली को फीड चाहिए

  • बाजार में रोहू मछली बहुत पसंद की जाती है. 
  • इसके मीट में बहुत स्वाद होता है. 
  • इसका मीट नरम होता है और कई राज्यों में पसंद की जाती है. 
  • यूपी, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में रोहू की डिमांड है.
  • डिमांड पूरी करने के लिए तालाबों में रोहू मछली खूब पाली जाती है. 
  • रोहू को तालाब के बीच में आकर फीड खाना पसंद है. 
  • रोहू तालाब की तली से दो फुट ऊपर और सतह से दो फुट नीचे फीड खाने खाती है. 

वो कौनसी मछली है जो तली में फीड खाती है 

  • नरेन मछली को नॉर्थ इंडिया में नैनी के नाम से भी जाना जाता है. 
  • पेट भरने के लिए नैनी तालाब के तले में रहकर ही फीड का इंतजार करती है. 
  • फीड मिलने में कितनी भी देर हो जाए, लेकिन ये फीड की तलाश में सतह पर नहीं आती है. 
  • एक्सपर्ट के मुताबिक नैनी मछली को तालाब की तली में रहना ज्यादा पसंद है. 
  • इसलिए नैनी को तालाब की तली में ही फीड चाहिए होता है. 

तालाब के पानी की सतह पर कौनसी मछली फीड खाती है

  • नॉर्थ इंडिया में रोहू के बाद खाने के लिए सबसे ज्यादा कतला पसंद की जाती है. 
  • फिश फ्राई में भी कतला मछली बहुत इस्तेमाल की जाती है. 
  • बाजार में एक से डेढ़ किलो वजन की कतला मछली जल्दी बिक जाती है. 
  • अपना पेट भरने के लिए कतला तालाब की सतह पर ही फीड का इंतजार करती है.
  • तालाब की तली में कितना भी फीड क्यों न हो, लेकिन उसे खाएगी नहीं. 

निष्कर्ष-

जब मछली पालक दाना (फिश फीड) तालाब में डालते हैं तो वो सभी मछलियों तक बराबर नहीं पहुंचता है. इसके चलते कुछ मछलियां तो भरपेट दाना खा लेती हैं, जबकि कुछ मछलियों को पूरा दाना नहीं मिल पाता है और वो भूखी रह जाती हैं. और भूखी रहने वाली मछलियां कमजोर रह जाती हैं. इसलिए ज्यादा मुनाफे के लिए फीड भी तरीके से डाला जाना चाहिए. 

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