
बकरा ईद के त्योहार में भले ही अभी लगभग दो महीने का समय बाकी हो, लेकिन बकरा पालन करने वाले किसानों के लिए अभी से उनके व्यापार का सीज़न शुरू हो गया है. इसी कड़ी में भोपाल के एक बकरा पालक ने अपने गोट फार्म में 176 किलो वज़नी बकरा पालकर तैयार किया है. किसान ने बकरे का नाम किंग रखा है. इसकी ऊंचाई तीन फीट सात इंच है. किसान ने इसकी कीमत 15 लाख रुपये रखी है. किसान का दावा है कि यह देश का अब तक का सबसे बड़ा और वज़नी बकरा है. इस बकरे का नाम दूर-दूर तक फैल गया है और इसकी एक झलक पाने के लिए लोग बेताब हैं.
दरअसल, भोपाल के आनंदपुरा कोकता निवासी सुहेल अहमद का इब्राहिम गोट फार्म के नाम से एक बकरी फार्म है. सोहेल यहां पर अलग-अलग नस्लों के बकरों को पालते हैं और फिर उनको बेचने का व्यापार करते हैं. इस बार उनके गोट फ़ॉर्म में एक बकरा पाल कर तैयार किया गया है जिसका वज़न 176 किलो है. इसकी ऊंचाई तीन फ़िट सात इंच है. ये दो साल और छह महीने का है. इसका नाम इन्होंने किंग रखा है. गुरुवार को इस बकरे की लॉन्चिंग की गई. इसका दाम 15 लाख रुपये रखा गया है. किसान ने दावा किया है कि ये देश का अब तक का सबसे भारी और बड़ा बकरा है.
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भोपाल बकरों की बिक्री के लिए जाना जाता है क्योंकि यहां हर साल बकरीद पर बड़ी संख्या में बकरों की खरीद-फरोख्त होती है. इन बकरों का जैसा वजन और रंग-रूप होता है, वैसा ही दाम भी लगता है. पिछले साल भोपाल में टाइटन नाम का एक बकरा बहुत मशहूर हुआ था जिसकी कीमत सात लाख रुपये लगी थी. इस बकरे को भोपाल पहुंचे एक शख्स ने खरीदा था. उस वक्त यह बकरा देश का सबसे महंगा साबित हुआ था.
टाइटन बकरे को सैयद साहब अली नाम के किसान ने पाल-पोस कर बड़ा किया था. अली ने बताया कि टाइटन बकरा कोटा प्रजाति का है जिसे दूध, घी और मक्खन खिलाकर तैयार किया गया. बकरी पालने वाले किसान बताते रहे हैं कि वे अपने बकरे की कीमत इसलिए ऊंची रखते हैं क्योंकि उन्हें पालने पर भारी-भरकम खर्च आता है. टाइटन बकरे का वजन 150 किलो बताया गया था.
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दूसरी ओर, कोकता निवासी सुहेल अहमद का इब्राहिम बकरा इस बार सुर्खयां बटोर रहा है. इसका वजन 176 किलो बताया जा रहा है. पिछले साल बिके टाइटन बकरे से इसका वजन 26 किलो अधिक है. ऐसे में अगर किंग बकरा 15 लाख रुपये में बिकता है तो अब तक यह रिकॉर्ड होगा. अगर इसे 15 लाख रुपये की कीमत मिलती है, तो पिछले बकरे से उसका दाम दोगुना अधिक होगा. अब देखने वाली बात है कि बकरीद के मेले में किंग बकरे की कीमत कितनी लगती है और इसे कौन खरीदता है.
सुहैल अहमद ने AajTak/MP Tak को बताया कि किंग बकरे का वैक्सीनेशन करवाया गया है, समय-समय पर पशु चिकित्सक को गोट फार्म बुलाकर उसका चेकअप करवाते हैं. किंग बकरे को नहलाने के लिए शैंपू और टॉनिक का इस्तेमाल किया जाता है. गर्मी से बचाने के लिए उसके लिए दो कूलर लगाए गए हैं. ठंड से बचाने के लिए हीटर लगाए जाते हैं. वहीं, जहां पर किंग बैठता है, उसके नीचे बुरादा बिछाया जाता है, जिससे कि उसकी जमीन गंदी ना हो और गर्माहट बनी रहे.
किंग बकरा की डाइट भी ऐसी है कि मामूली आदमी खिला भी न पाए. बकरा सुबह और शाम दो लीटर भैंस का दूध पीता है. उसे डेढ़ किलो चना रोजाना खिलाया जाता है. इसके अलावा उसे बड़ पेड़ की पत्तियां खिलाया जाता है. उसको शहद भी खिलाया जाता है. मालिक सुहैल अहमद उसे पिंड खजूर भी खिलाते हैं.
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