
उत्तर प्रदेश में मौसम करवट बदलने वाला है. मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, 27 अक्टूबर (सोमवार) को प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है. जबकि पूर्वी यूपी में मौसम शुष्क रह सकता है. प्रदेश में बारिश के बाद तापमान में गिरावट देखने को मिल सकती है. जिससे ठंड में भी इजाफा हो सकता है. इस दौरान यूपी के कई जिलों में तेज झोंकेदार हवाओं का दौर चलेगा.
लखनऊ के अमौसी स्थित आंचलिक मौसम केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने दो अलग-अलग मौसम तंत्रों के प्रभाव से उत्तर प्रदेश में बेमौसम बारिश की संभावना बनी हुई है. इसके चलते 27 अक्टूबर को बुंदेलखंड क्षेत्र एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में हल्की बारिश या बौछारें पड़ने की संभावना जताई गई है. इसी क्रम में आज पश्चिमी यूपी के झांसी, ललितपुर, महोबा, जालौन, हमीरपुर, इटावा, मैनपुरी, आगरा, फिरोजाबाद में हल्की बारिश हो सकती है.
वहीं पूर्वी यूपी में मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है. यहां सुबह और रात के समय हल्का कोहरा और धुंध नजर आ सकती है. उन्होंने बताया कि 28 अक्टूबर को प्रदेश के दोनों हिस्सों में मौसम शुष्क रह सकता है. इसी तरह 29 अक्टूबर को पश्चिमी हिस्से में मौसम शुष्क रह सकता है. जबकि पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है. 30 अक्टूबर को प्रदेश के दोनों हिस्सों में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है.
इस दौरान पूर्वी हिस्से में कहीं-कहीं पर बादल गरजने व बिजली चमकने के साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से झोंकेदार हवा चल सकती है. ऐसे ही 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को पश्चिमी यूपी में मौसम साफ रह सकता है, जबकि पूर्वी यूपी में कहीं-कहीं पर बारिश व गरज चमक के साथ बौछारें पड़ सकती है. वहीं 31 तारीख को पूर्वी यूपी में तेज हवा चलने की संभावना है.
राजधानी लखनऊ में बादलों की आवाजाही रहेगी. दरअसल, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर, दोनों तरफ से बन रहे मौसम तंत्रों के असर से लखनऊ में अगले दो दिन तक बादलों की सक्रियता देखने को मिलेगी. वहीं सोमवार और मंगलवार को धूप-छांव वाले माैसम के बीच दिन के अधिकतम तापमान में 3 डिग्री तक की गिरावट आ सकती है.
मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि इस दौरान प्रदेश में बादलों की आवाजाही बढ़ेगी और अगले 4 से 5 दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है.
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