मौसम विभाग (imd forecast) ने कहा है कि शनिवार तक तमिलनाडु के विलुप्पुरम, कड्डालौर और पुडुचेरी और करईकाल में भारी बारिश के आसार बन रहे हैं. इन राज्यों में चक्रवाती तूफान मंडौस का असर देखा जा है जो बंगाल की खाड़ी से पैदा हुआ है. यह तूफान अभी बहुत धीमी गति से आगे बढ़ रहा है, लेकिन कई इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है. मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी पर बना दबाव का क्षेत्र 15 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है. अब यह तेज होकर गहरे दबाव क्षेत्र में बदल गया है और चेन्नई से 770 किलोमीटर दूर पूर्व-दक्षिण-पूर्व में और करईकल से 690 किलोमीटर दूर पूर्व-दक्षिण पूर्व में स्थित बताया जा रहा है.
मौसम विभाग के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने गहरे दबाव क्षेत्र के प्रभाव से गुरुवार से शनिवार तक हवाओं का चक्रवाती प्रवाह (cyclone mandous) चलेगा. इस चक्रवाती प्रवाह के कारण तमिलनाडु के विलुप्पुरम और कड्डालौर सहित 13 जिलों और पुद्दुचेरी और करईकल में भारी बारिश होने की संभावना बन रही है.
चक्रवात (cyclone) की आशंका को देखते हुए प्रभावित राज्यों की सरकारों ने खास तैयारियां की हैं. इसी सिलसिले में पुडुचेरी के मुख्यमंत्री रंगासामी ने तैयारियों का जायजा लेने के लिए राजस्व और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद पुडुचेरी जिला कलेक्टर वल्लावन ने बताया कि पुडुचेरी और करईकल में दो सौ 48 राहत शिविर तैयार किए गए हैं. चक्रवाती तूफान के बाद बाढ़ की आशंका प्रबल है जिसे देखते हुए शरण लेने वाले लोगों के लिए पुडुचेरी में 167 कैंप बनाए गए हैं. आपात स्थिति के लिए दो टेलीफोन नंबर जारी किए गए हैं. किसी भी इमरजेंसी में इन दो नंबरों पर फ्री कॉल किया जा सकता है- 1070 और 1077.
समुद्री तूफान मंडौस के खतरे को देखते हुए मछुआरों को रविवार तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है. पुडुचेरी और करईकल में राष्ट्रीय आपदा मोचल बल (NDRF) की एक-एक टीम तैनात कर दी गई है, जबकि एक और टीम के जल्द ही पहुंचने की उम्मीद है. मौसम विभाग ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पश्चिम में बना चक्रवाती तूफान मंडौस पिछले तीन घंटों से आठ किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से पश्चिम उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है.
अभी चक्रवाती तूफान मंडौस चेन्नई से लगभग छह सौ बीस किलोमीटर दूर दक्षिण पूर्व में और करईकल से लगभग पांच सौ तीस किलोमीटर दक्षिण पूर्व में केंद्रित है. यह चक्रवात (cyclone mandous) पश्चिम उत्तर पश्चिम की ओर बढ़कर शुक्रवार मध्यरात्रि तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और नजदीकी दक्षिण आंध्र तट को पार कर जाने की संभावना है. चक्रवात के कारण दक्षिणपश्चिम बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में हवाएं तेजी होंगी और इसकी रफ्तार 80 से 90 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है. 9 दिसंबर को इसमें कुछ कमी आएगी और बाद में इसकी गति और बढ़ने की संभावना है.
मंडौस चक्रवाती तूफान की वजह से अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और पुडुचेरी के अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा (heavy rainfall) और उत्तर आंतरिक तमिलनाडु और रायलसीमा कर्नाटक और केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है. दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश कम होने की संभावना है. 11 दिसंबर को दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है.
चक्रवाती तूफान और भारी बारिश (heavy rainfall) के मद्देनजर मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है. 8 दिसंबर को दक्षिणपूर्व बंगाल की खाड़ी, 8 से 10 दिसंबर तक दक्षिणपश्चिम बंगाल की खाड़ी, 8 से 9 दिसंबर तक श्रीलंका के तटीय इलाकों, 8 से 10 दिसंबर तक तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण कर्नाटक के समुद्री इलाकों में मछुआरों को नहीं जाने की हिदायत दी गई है. जो मछुआरे समुद्र में गए हैं उन्हें जल्दी लौटने और सुरक्षित स्थान पर जाने की सलाह दी गई है.