Fish Farming: छत्तीसगढ़ का कांकेर बना मछली बीज का हब, देशभर में हो रही सप्लाई

Fish Farming: छत्तीसगढ़ का कांकेर बना मछली बीज का हब, देशभर में हो रही सप्लाई

कांकेर जिला छत्तीसगढ़ में मत्स्य पालन के क्षेत्र में अग्रणी बन चुका है. पखांजूर क्षेत्र की हैचरियों से उच्च गुणवत्ता वाला मत्स्य बीज देश के कई राज्यों में भेजा जा रहा है, जिससे रोजगार और आय के नए अवसर बन रहे हैं.

Farmers promoting fisheriesFarmers promoting fisheries
क‍िसान तक
  • Noida,
  • Jun 19, 2025,
  • Updated Jun 19, 2025, 4:52 PM IST

छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले ने मत्स्य पालन के क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव किया है. अब यह जिला मत्स्य बीज उत्पादन में राज्य का अग्रणी केंद्र बन गया है और कई अन्य राज्यों को भी उच्च गुणवत्ता वाला मत्स्य बीज उपलब्ध करा रहा है. इस सफलता से कांकेर की अर्थव्यवस्था को नई पहचान मिली है. कुछ साल पहले तक कांकेर को मत्स्य बीज के लिए पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश पर निर्भर रहना पड़ता था.

लेकिन अब पखांजूर क्षेत्र में मत्स्य बीज उत्पादन की सुविधाएं इतनी विकसित हो गई हैं कि यहां से पूरे राज्य और देश के कई हिस्सों में बीज भेजा जा रहा है. नील क्रांति योजना और प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के कारण यहां कई नई हैचरियां और तालाब बनाए गए हैं.

पखांजूर बना मत्स्य बीज उत्पादन का केंद्र

पखांजूर क्षेत्र में अब बड़े पैमाने पर मत्स्य बीज तैयार होते हैं. यहां की मत्स्य बीज अन्य राज्यों के मुकाबले सस्ते और उच्च गुणवत्ता वाले हैं. खास बात यह है कि ये बीज अप्रैल-मई जैसे शुरुआती महीनों में उपलब्ध हो जाते हैं, जिससे किसानों को समय रहते मत्स्य पालन शुरू करने में मदद मिलती है.

कांकेर का मत्स्य बीज निर्यात

आज कांकेर में उत्पादित मत्स्य बीज केवल छत्तीसगढ़ तक सीमित नहीं रह गया है. यह बीज आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, झारखंड, गुजरात और बिहार जैसे राज्यों में भी भेजा जा रहा है. इससे जिले की मत्स्य उत्पादक क्षमता और पहचान दोनों बढ़ी है.

उत्पादन लक्ष्य और उपलब्धियां

मत्स्य पालन विभाग के अनुसार, कांकेर जिले में कुल 34 मत्स्य बीज उत्पादन हैचरी चल रही हैं. वर्ष 2025-26 के लिए 337 करोड़ स्पॉन और 128 करोड़ 35 लाख स्टैंडर्ड फ्राय उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है. अभी तक जिले में 192 करोड़ स्पॉन और 7 करोड़ 42 लाख स्टैंडर्ड फ्राय का उत्पादन हो चुका है. यहां मेजर कार्प के साथ-साथ पंगेसियस मछली के बीज भी तैयार किए जा रहे हैं.

रोजगार और विकास

मत्स्य बीज उत्पादन ने पखांजूर क्षेत्र में करीब 550 लोगों को रोजगार दिया है. मत्स्य बीज उत्पादन, परिवहन और बिक्री से जुड़े लोग अब स्थायी आय कमा रहे हैं. इस सफलता ने कांकेर जिले को मत्स्य पालन में छत्तीसगढ़ का मॉडल बना दिया है.

कांकेर जिले की मत्स्य बीज उत्पादन की यह क्रांति राज्य की बाहरी निर्भरता को खत्म कर चुकी है. अब यह जिला गुणवत्तायुक्त और सस्ते मत्स्य बीज के लिए पूरे देश में जाना जाता है. आने वाले समय में कांकेर मत्स्य पालन के क्षेत्र में और भी बड़ा नाम बनेगा.

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