
पंजाब में किसानों के गुस्से को और भड़काने वाला खुलासा हुआ है. आठ महीने पहले किसानों के ट्रैक्टर-ट्रॉली के चोरी होने के जिस आरोप को लेकर लगातार सवाल उठते रहे, पुलिस को नाभा में मिला उससे जुड़ा बड़ा सुराग है. पुलिस ने नाभा नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी (EO) के सरकारी आवास में खुदाई कर ट्रॉली के कई पुर्जे बरामद किए हैं. यह कार्रवाई किसानों के बढ़ते दबाव और पिछले दो दिनों से जारी आक्रोशपूर्ण धरने-प्रदर्शनों के बाद की गई.
किसानों ने आरोप लगाया था कि शंभू और खन्नौरी बार्डर पर जारी लंबे आंदोलन के दौरान उनके कई ट्रैक्टर-ट्रॉली रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए थे. बुधवार को हुई पुलिस की खुदाई ने इन आरोपों को नई दिशा दे दी है. JCB मशीन से की गई खुदाई में लोहे के कई हिस्से, एक्सल, बॉडी प्लेट और अन्य पार्ट जमीन में दबे मिले हैं. बरामदगी होते ही किसानों में नाराजगी और तेज हो गई और कई किसान संगठनों ने इसे सबूत मिटाने की कोशिश बताया है.
भारतीय किसान यूनियन (आजाद) के नेता और नाभा इकाई के अध्यक्ष गमदूर सिंह ने आरोप लगाया कि चोरी की वारदात को छिपाने के लिए पुर्जों को जानबूझकर जमीन में गाड़ा गया था. उनका कहना है कि इससे साफ है कि मामले में स्थानीय स्तर पर बड़े स्तर पर मिलीभगत रही है. उधर, EO गुरचरण सिंह गिल ने अपने ऊपर लगे आरोपों से पूरी तरह इनकार किया है.
उन्होंने कहा कि आवास तकनीकी रूप से उनके नाम आवंटित है, लेकिन वे खुद वहां रहते नहीं हैं और अपने गांव से ही रोजाना नाभा आते-जाते हैं. गिल ने उलटा आरोप लगाया कि नगर परिषद अध्यक्ष के पति पंकज पप्पू उस आवास का अक्सर इस्तेमाल करते रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि पहले पप्पू को नगर परिषद ने सुपरवाइजर की जिम्मेदारी भी दे रखी थी.
पुलिस ने बरामद पुर्जों को अपने कब्जे में ले लिया है और क्राइम इंवेस्टिगेटिंग एजेंसी के पटियाला एसएचओ दविंदर सिंह ने मामले की विस्तृत जांच का भरोसा दिया है. SHO सिंह ने कहा कि पप्पू के खिलाफ पहले ही मामला दर्ज किया जा चुका है और आगे की कार्रवाई सबूतों के आधार पर की जाएगी.
बता दें कि किसानों का यह आंदोलन तब शुरू हुआ था, जब वे न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत कई प्रमुख मांगों को लेकर करीब 13 महीने तक बार्डर पर डटे रहे. अब चोरी के इन पुर्जों की बरामदगी ने पूरे मामले को फिर से सुर्खियों में ला दिया है. (पीटीआई)